यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। इटावा-बरेली हाईवे पर हाल ही में हुए सडक़ निर्माण कार्य में मानकों की अनदेखी और नाले को ऊंचा बनाए जाने से भारी समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं। बारिश के दौरान जलनिकासी की पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण सडक़ पर पानी भर जाता है, जिससे यातायात बाधित हो रहा है और दुर्घटनाओं का खतरा भी बढ़ गया है। स्थानीय लोगों और वाहन चालकों ने इस समस्या को लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की है।
हाईवे पर सडक़ निर्माण कार्य में गुणवत्ता की कमी और तकनीकी मानकों की अनदेखी के कारण यह समस्या उत्पन्न हुई है। निर्माण के दौरान नाले को सडक़ की ऊंचाई से काफी ऊपर बना दिया गया, जिससे बरसात का पानी सडक़ पर भर जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि नाले का डिजाइन और उसकी ऊंचाई तय मानकों के अनुसार नहीं की गई है, जिससे यह जलभराव की स्थिति पैदा हो रही है।
बीते कुछ दिनों में लगातार हो रही बारिश ने इस समस्या को और गंभीर बना दिया है। सडक़ पर जमा पानी के कारण वाहनों का आवागमन मुश्किल हो गया है। स्थानीय निवासियों के अनुसार, हर बारिश के बाद सडक़ पर करीब 1-2 फीट तक पानी जमा हो जाता है, जिससे वाहन चालकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। पानी भरने के कारण सडक़ पर गड्ढे भी नहीं दिखाई देते, जिससे दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ जाती है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि सडक़ निर्माण के दौरान अधिकारियों द्वारा मानकों की अनदेखी की गई, जिसका खामियाजा अब आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों को सूचित किया गया, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। नाले की ऊंचाई को लेकर भी लोगों में नाराजगी है, क्योंकि इसके कारण बारिश का पानी सडक़ पर जमा हो जाता है और आसपास के घरों में भी घुसने लगता है।
जलभराव के कारण सडक़ पर गड्ढे नजर नहीं आते, जिससे दुर्घटनाएं बढ़ गई हैं। बीते एक महीने में यहां करीब 10 छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। पिछले हफ्ते ही एक बाइक सवार व्यक्ति पानी से भरी सडक़ पर गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया था। स्थानीय अस्पताल के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई और अगस्त के बीच सडक़ दुर्घटनाओं के मामलों में *20त्न* की वृद्धि हुई है, जिनमें से अधिकांश जलभराव की वजह से हुए हैं। क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भी इस मुद्दे पर चिंता जताई है और संबंधित अधिकारियों से जल्द से जल्द नाले की ऊंचाई को ठीक करने और जलनिकासी की उचित व्यवस्था करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो इसे लेकर आंदोलन किया जाएगा।
वहीं, इस मामले में स्थानीय प्रशासन ने कहा है कि समस्या की जानकारी उन्हें मिल चुकी है और जल्द ही नाले की ऊंचाई को कम करने और सडक़ के किनारे जलनिकासी की बेहतर व्यवस्था करने का काम शुरू किया जाएगा। प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि सडक़ निर्माण में हुई खामियों की जांच की जाएगी और दोषी ठेकेदारों पर कार्रवाई की जाएगी। इटावा-बरेली हाईवे पर अमानक निर्माण और नाले की ऊंचाई ने स्थानीय लोगों और वाहन चालकों के लिए एक बड़ी समस्या खड़ी कर दी है। जलभराव के कारण दुर्घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, जबकि प्रशासन अब तक ठोस कार्रवाई करने में नाकाम रहा है। स्थानीय लोग उम्मीद कर रहे हैं कि प्रशासन जल्द से जल्द इस मुद्दे का समाधान करेगा।