यूथ इंडिया (संदीप सक्सेना)
फर्रुखाबाद, कमालगंज। केंद्र सरकार द्वारा ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) का उद्देश्य भले ही गरीबों को रोजगार उपलब्ध कराना हो, लेकिन कुछ लोग इसमें भी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं। कमालगंज ब्लॉक के अहमदपुर देवरिया गांव के प्रधान किशोर कुमार ने मनरेगा योजना में कागजी हेरफेर कर लाखों रुपये का गबन किया है।
गांव के विकास कार्यों के नाम पर प्रधान द्वारा मनरेगा में दर्जनों फर्जी मस्टर रोल तैयार किए गए, जिनमें कई मजदूरों के नाम और कार्य के घंटे गलत तरीके से दिखाए गए। इसके अलावा, कुछ कामों का भुगतान भी कागजों पर ही कर लिया गया, जबकि वास्तविकता में काम हुआ ही नहीं।
फर्जी मस्टर रोल: मनरेगा के तहत 50 से अधिक मजदूरों के नाम पर मजदूरी का भुगतान दिखाया गया, जबकि इनमें से कई मजदूर कभी कार्यस्थल पर पहुंचे ही नहीं।
बिना काम के भुगतान: दस्तावेजों में दिखाए गए कार्य जैसे तालाब की खुदाई, सड़क निर्माण और वृक्षारोपण कार्य कागजों पर पूरा किया गया, लेकिन जमीन पर कोई काम नहीं हुआ।
लाखों का गबन: इन हेराफेरी के माध्यम से प्रधान कौशल कुमार ने लगभग 10 लाख रुपये का घोटाला किया है।
इस मामले में जिला प्रशासन और संबंधित अधिकारियों द्वारा भी अनदेखी की गई है। ग्रामवासियों की कई शिकायतों के बावजूद अब तक कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई। जांच में जुटी टीमों ने भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने में देरी की, जिससे प्रधान कौशल कुमार पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई है।
गांव के कई लोगों का कहना है कि यह घोटाला केवल पैसे की लूट नहीं, बल्कि उनकी मेहनत और भविष्य के साथ खिलवाड़ है। ग्रामीणों ने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच की जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए। मनरेगा जैसी योजनाओं में पारदर्शिता लाने और ग्रामीणों को रोजगार देने की आवश्यकता है। ऐसे में प्रशासन को जल्द से जल्द जांच पूरी कर इस भ्रष्टाचार को उजागर करने और दोषियों पर कार्रवाई करने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे घोटालों पर लगाम लगाई जा सके।
मनरेगा योजना में धांधली: कमालगंज ब्लॉक के अहमदपुर देवरिया प्रधान किशोर कुमार ने किया लाखों का घोटाला
