यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। जिले में जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा आतिशबाजी के थोक और फुटकर विक्रेताओं पर की गई कार्रवाई के बाद अब दुकानों पर महंगाई की मार का असर साफ दिखाई दे रहा है। गरीब जनता के लिए यह महंगाई का तड़का किसी मुश्किल से कम नहीं है।
हाल की कार्रवाई के कारण कई विक्रेताओं को अपनी दुकान और माल को बचाने के लिए अतिरिक्त खर्च करना पड़ा, जिससे सीधा असर आतिशबाजी की कीमतों पर पड़ सकता है। लाइसेंस शुल्क और अतिरिक्त खर्चों के चलते कई विक्रेताओं ने आतिशबाजी के दामों में वृद्धि कर दी है। ऐसे में अगर दुकानों के बाहर रेट लिस्ट नहीं लगाई जाती है, तो ग्राहकों के लिए यह एक गंभीर समस्या बन सकती है।
मनमानी कीमत वसूली की आशंका: जिले में कई दुकानदारों द्वारा आतिशबाजी के सामान को बिना रेट लिस्ट के मनमानी कीमतों पर बेचने की घटनाएं सामने आई हैं। इस स्थिति में आतिशबाजी की वस्तुएं दोगुनी या तीन गुना कीमतों पर बेची जाती हैं, जिससे जनता ठगी का शिकार होती है। ऐसे में गरीब और मध्यम वर्गीय परिवारों को अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।
जनता के हित में प्रशासन को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आतिशबाजी की सभी दुकानों पर रेट लिस्ट साफ-साफ लगी हो, ताकि ग्राहकों को वास्तविक कीमत का पता चल सके और वे किसी भी प्रकार की ठगी का शिकार न हों। इसके साथ ही दुकानदारों पर कड़ी निगरानी रखी जाए ताकि मनमानी वसूली पर रोक लगाई जा सके।
रेट लिस्ट न होने की स्थिति में जनता की जेब पर महंगाई का भार बढऩा निश्चित है, जिससे गरीब जनता को दीवाली के समय अपनी खुशियों की कीमत चुकानी पड़ेगी।