(प्रशान्त कटियार ✍️)
यूपी की संगम नगरी प्रयागराज में महाकुंभ मेले का दिव्य और भव्य आगाज हो चुका है। पौष पूर्णिमा के पावन अवसर पर शुरू हुआ यह महाकुंभ 26 फरवरी तक चलेगा, और इस बार इसमें 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने का अनुमान लगाया जा रहा है। यह आयोजन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, विविधता, और एकता का अद्वितीय उदाहरण भी प्रस्तुत करता है।
144 वर्षों में एक बार आने वाला यह दुर्लभ खगोलीय संयोग महाकुंभ को और भी विशेष बनाता है। आधी रात को संगम पर लाखों श्रद्धालुओं का उमड़ता रेला, तिल रखने की जगह न बचने की स्थिति, और त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाते लोग, यह सब एक अद्भुत दृश्य प्रस्तुत करते हैं। गंगा, यमुना और ‘रहस्यमय’ सरस्वती का संगम केवल जल का मिलन नहीं, बल्कि विभिन्न संस्कृतियों, विचारों और परंपराओं का महामिलन है।
इस महाकुंभ में सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए 37 हजार पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है, और संपूर्ण क्षेत्र में 60 हजार जवान व्यवस्था को संभालने में लगे हैं। यह दर्शाता है कि इस भव्य आयोजन की सुरक्षा को लेकर कितनी गंभीरता बरती जा रही है। साथ ही, महाकुंभ में शामिल होने वाले श्रद्धालुओं की संख्या न केवल आस्था को दर्शाती है, बल्कि यह हमारे समाज की एकजुटता और सामूहिकता की भावना को भी प्रकट करती है।
महाकुंभ 2025 में आस्था और आधुनिकता का संगम भी देखने को मिलता है। गूगल द्वारा विशेष फीचर का शुभारंभ और एपल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स का निरंजनी अखाड़े में पहुंचना यह दर्शाता है कि यह महाकुंभ न केवल भारतीय, बल्कि वैश्विक स्तर पर भी ध्यान आकर्षित कर रहा है।
इस महाकुंभ का महत्व केवल धार्मिक अनुष्ठानों तक सीमित नहीं है। यह हमारी सामाजिक एकता, सांस्कृतिक विविधता, और सामूहिकता का प्रतीक है। यह अवसर हमें यह भी याद दिलाता है कि आस्था और विश्वास की शक्ति हमें एकजुट कर सकती है, भले ही हम विभिन्न पृष्ठभूमियों से आते हों।
महाकुंभ 2025 एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव का अवसर है। आइए, हम सभी इस महाकुंभ का लाभ उठाकर न केवल अपने आध्यात्मिक उत्थान की दिशा में कदम बढ़ाएँ, बल्कि समाज में एकता, प्रेम और सद्भावना का भी संकल्प लें। यह महाकुंभ न केवल हमारे आस्था का उत्सव हो, बल्कि यह हमारी सामूहिक जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता का भी प्रतीक बने।
लेखक दैनिक यूथ इंडिया के स्टेट हेड हैं।