-रहस्यमयी बीमारी से आम के बाग उजड़ने की आशंका, ICAR जांच की उठी मांग
फर्रुखाबाद। जनपद के आम के बागों में फैल रही एक रहस्यमयी बीमारी को लेकर चिंता जताते हुए रिवैम्प इंडिया फाउंडेशन के संस्थापक वैभव सिंह राठौर ने शुक्रवार को मुख्य विकास अधिकारी (CDO) से भेंट की और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) से वैज्ञानिक जांच की मांग का मांग पत्र सौंपा।
श्री राठौर ने पत्र में उल्लेख किया कि फर्रुखाबाद के कमालगंज, कायमगंज और आसपास के क्षेत्रों में आम के पेड़ धीरे-धीरे सूखते जा रहे हैं, जिससे न केवल किसानों की आजीविका पर संकट मंडरा रहा है, बल्कि पूरी ग्रामीण अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है।
“फर्रुखाबाद में आम सिर्फ एक फसल नहीं है, यह हमारी ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। पेड़ों का अचानक और बिना स्पष्ट कारण सूखना बेहद गंभीर विषय है,” – वैभव सिंह राठौर
उन्होंने मांग की कि ICAR की विशेषज्ञ टीम भेजकर यह जांच कराई जाए कि आम के पेड़ों की यह बीमारी मिट्टी, जलवायु परिवर्तन, कीट या फफूंद जनित है या नहीं। उनका कहना था कि जब तक बीमारी का वास्तविक कारण स्पष्ट नहीं होगा, तब तक इस संकट से उबरना संभव नहीं।
मुख्य विकास अधिकारी ने श्री राठौर को आश्वस्त किया कि उनके द्वारा प्रस्तुत पत्र को संबंधित विभागों को तत्काल अग्रेषित किया जाएगा। साथ ही ICAR की वैज्ञानिक टीम को जिले में आम के बागों की जांच हेतु बुलाने का भी प्रयास किया जाएगा।
फर्रुखाबाद आम उत्पादन में प्रमुख जिला है। हजारों किसान आम की खेती पर निर्भर हैं। आम के पेड़ों का सूखना किसानों की आर्थिक रीढ़ को तोड़ सकता है। यदि वैज्ञानिक समाधान नहीं खोजा गया तो यह संकट और भी व्यापक हो सकता है।