डीपीओ पर अवैध वसूली का आरोप, एंटी करप्शन टीम अनजान
फर्रुखाबाद। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में आंगनबाड़ी कार्यकत्री भर्ती के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। इस मामले में जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) सुनील श्रीवास्तव पर गंभीर आरोप लगे हैं। कहा जा रहा है कि उन्होंने ब्लॉक नवाबगंज में भर्ती प्रक्रिया की पूरी जिम्मेदारी खुद संभाली, जबकि अन्य ब्लॉकों में यह कार्य सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना अधिकारी) के माध्यम से किया गया।
सूत्रों के मुताबिक, डीपीओ सुनील श्रीवास्तव ने भर्ती प्रक्रिया में चयन के नाम पर नियमों को ताक पर रख अभ्यर्थियों से पैसे वसूले और यह तक कहा कि सीडीओ और डीएम को भी इसकी जानकारी है।यह भर्ती प्रक्रिया भ्रष्टाचार की गहरी जड़ों से जुड़ी हुई थी। कई उम्मीदवारों ने चयन के लिए बड़ी रकम दी, लेकिन न तो उनका चयन हुआ और न ही उन्हें पैसे वापस किए गए।
डीपीओ पर यह भी आरोप है कि उन्होंने नवाबगंज ब्लॉक में प्रभारी बीडीओ का चार्ज भी उनके पास है, इसके अलावा, उनके खिलाफ गौशाला से अवैध वसूली करने के भी आरोप लगे हैं। शिकायतें एंटी करप्शन टीम से भी की गईं हैं,हालांकि टीम अभी तक अनजान थी।
इस भर्ती घोटाले में उच्च अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। अधिकारी द्वारा जिला अधिकारी और मुख्य विकास अधिकारी की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि उनके नाम भी इस प्रकरण में जोड़े जा रहे हैं।
सूत्रों के अनुसार, यदि डीपीओ की गोपनीय जांच की जाती है, तो भर्ती घोटाले और अवैध वसूली से जुड़े कई बड़े नाम सामने आ सकते हैं। लोगों की निगाहें अब जिला प्रशासन पर टिकी हैं, जो इस मामले में पारदर्शी जांच और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रही है।