नई दिल्ली। चुनाव आयोग (ईसी) ने मतदान प्रक्रिया से संबंधित वीडियो फुटेज और तस्वीरों को संरिक्षत करने की अवधि को संशोधित करते हुए इसे घटाकर 45 दिन कर दिया। चुनाव आयोग के इस फैसले पर अब विपक्षी दल के नेताओं ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस सांसद और नेता विपक्ष राहुल गांधी ने इसे मैच फिक्सिंग तक कह दिया है। उन्होंने कहा कि, साफ़ दिख रहा है- मैच फिक्स है। और फिक्स किया गया चुनाव, लोकतंत्र के लिए ज़हर है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, वोटर लिस्ट? Machine-readable फ़ॉर्मेट नहीं देंगे। CCTV फुटेज? कानून बदलकर छिपा दी। चुनाव की फोटो-वीडियो? अब 1 साल नहीं, 45 दिनों में ही मिटा देंगे। जिससे जवाब चाहिए था-वही सबूत मिटा रहा है। साफ़ दिख रहा है- मैच फिक्स है। और फिक्स किया गया चुनाव, लोकतंत्र के लिए ज़हर है।
वोटर लिस्ट?
Machine-readable फ़ॉर्मेट नहीं देंगे।CCTV फुटेज?
कानून बदलकर छिपा दी।चुनाव की फोटो-वीडियो?
अब 1 साल नहीं, 45 दिनों में ही मिटा देंगे।जिससे जवाब चाहिए था – वही सबूत मिटा रहा है।
साफ़ दिख रहा है – मैच फिक्स है। और फिक्स किया गया चुनाव, लोकतंत्र के लिए ज़हर है। pic.twitter.com/eYXAykO04p
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) June 21, 2025
बता दें कि, चुनाव आयोग ने मतदान प्रक्रिया से संबंधित वीडियो फुटेज और तस्वीरों को संरक्षित करने की अवधि को संशोधित करते हुए इसे घटाकर 45 दिन कर दिया है। यह निर्णय मतदान परिणामों की घोषणा के बाद लागू होगा, और यदि इस अवधि में कोई चुनाव याचिका दायर नहीं की जाती है, तो डेटा को नष्ट किया जा सकता है। चुनाव आयोग ने इस बदलाव का कारण हाल के दिनों में इस सामग्री के “दुरुपयोग” को बताया है। यानी वीडियो फुटेज और तस्वीरों से संबंधित डाटा चुनाव परिणामों की घोषणा के 45 दिन बाद तक स्टोर करके रखा जाएगा और उसके बाद डिलीट किया जा सकता है।