– “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” थीम पर हुआ योगाभ्यास; प्रधानमंत्री के कार्यक्रम का सजीव प्रसारण भी हुआ
लखनऊ। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की प्रेरणा से राजभवन लखनऊ में 11वें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर एक भव्य योगाभ्यास कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस वर्ष की थीम “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए योग” रही। प्रशिक्षित योगाचार्यों के निर्देशन में हुए इस सामूहिक अभ्यास में स्वयं राज्यपाल ने भाग लिया और प्रातः 6 बजे योगासन, प्राणायाम और ध्यान का अभ्यास कर उपस्थित जनसमूह को संबोधित किया।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा, “योग केवल शारीरिक व्यायाम नहीं है, यह एक जीवनशैली, आत्मिक अनुशासन और सामूहिक कल्याण का मार्ग है। इसे बंद न करें, आदत बनाएं, और पूरे परिवार के साथ अपनाएं। यह पुण्य का कार्य है।”
राज्यपाल ने बताया कि राजभवन परिसर में 1 से 20 जून तक प्रतिदिन सुबह योग सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें छात्रों, अधिकारियों, नागरिकों और कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। उन्होंने इसे शारीरिक, मानसिक और आत्मिक लाभ का स्रोत बताया।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विशाखापट्टनम से योग नेतृत्व का सजीव प्रसारण किया गया। प्रधानमंत्री ने “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” विषय पर आधारित योग दिवस का महत्व बताया और योग को दैनिक जीवन का हिस्सा बनाने का आह्वान किया। यह आयोजन देशभर में 3.5 लाख स्थानों पर “योग संगम” के रूप में मनाया गया।
राज्यपाल ने जानकारी दी कि हाल ही में राजभवन के अधिकारियों और कर्मचारियों का बीएमआई परीक्षण कराया गया है, जिससे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी है। उन्होंने बताया कि राजभवन परिसर प्रतिदिन सुबह 5 से 8 और शाम 5 से 7 बजे तक आमजन के लिए खुला रहता है।
राज्यपाल ने कहा, “स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं। यह हमारा सामूहिक दायित्व है कि हम मिलकर देश को सशक्त बनाएं। योग और खेल दो ऐसे प्रभावशाली माध्यम हैं जो समाज को अनुशासित और सशक्त बनाते हैं।”
उन्होंने “गर्भ संस्कार” की महत्ता पर भी प्रकाश डाला और कहा कि जन्मपूर्व संस्कारों का बच्चे के चरित्र निर्माण में गहरा प्रभाव होता है। इसे जीवन की मूल आधारशिला बताया।
राज्यपाल ने अपने गुजरात कार्यकाल की चर्चा करते हुए बताया कि वर्ष 2003 में शुरू हुआ “खेलो गुजरात” अभियान आज भी प्रभावी है, जिसमें हर वर्ग की भागीदारी रहती है। उन्होंने इसे समाज के स्वास्थ्य और उत्साह का प्रतीक बताया।
कार्यक्रम में आयुष एवं खाद्य सुरक्षा मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बधाई दी और कहा कि “योग अब केवल भारत की पहचान नहीं, बल्कि वैश्विक चेतना का हिस्सा बन गया है।”
उन्होंने योग को आत्मा और शरीर के बीच का सेतु बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति को शांति, संतुलन और अनुशासन देता है।
इस अवसर पर प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, प्रमुख सचिव आयुष श्री रंजन कुमार, मंडलायुक्त लखनऊ डॉ. रोशन जैकब, महानिदेशक आयुष श्री मानवेन्द्र सिंह समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति, अधिकारी, कर्मचारी और योग साधक उपस्थित रहे।