– लखनऊ के कई शातिरों पर जल्द कैसेगा शिकंजा, यूथ इंडिया करेगा भंडा फोड़
शरद कटियार
लखनऊ/नोएडा। देश की राजधानी से सटे नोएडा में स्थापित My Cloud Particle कंपनी, जिसे Vuenow Group द्वारा संचालित किया जा रहा था, अब एक हाई-प्रोफाइल घोटाले का केंद्र बन चुकी है। ₹3,500 करोड़ से अधिक की ठगी के इस मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की बड़ी कार्रवाई सामने आई है, मगर चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनी के कुछ मुख्य चेहरे आज भी आज़ाद हैं और खुलेआम धन उगाही में जुटे हैं।
कंपनी ने “घर बैठे लाखों कमाने” और “10 साल तक हर महीने किराया पाएं” जैसे आकर्षक वादों से हजारों निवेशकों को फंसाया।
डेटा सेंटर में निवेश, क्लाउड टेक्नोलॉजी, और 100% रिटर्न गारंटी जैसे शब्दों का इस्तेमाल कर एक डिजिटल धोखे का मकड़जाल रचा गया, जिसमें फंसकर कई लोगों ने अपनी जमा-पूंजी तक गंवा दी।
प्रवर्तन निदेशालय ने कंपनी के संस्थापक सुखविंदर सिंह खरोड़ और उनकी पत्नी डिंपल खरोड़ को गिरफ्तार किया है।
इन पर आरोप है कि उन्होंने फर्जी क्लाउड इंफ्रास्ट्रक्चर, सेल एंड लीज-बैक स्कीम, और नकली डेटा सेंटर्स के नाम पर हजारों निवेशकों से भारी भरकम रकम ऐंठी।
ED की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह सब कुछ सुनियोजित साजिश का हिस्सा था, जहां निवेशकों को पहले झूठे रिटर्न दिए गए और फिर रुपए डुबो दिए गए।
लखनऊ ऑफिस पर ताला, लेकिन कई सवाल बाकी?
Cloud Particle कंपनी का लखनऊ ऑफिस अचानक बंद कर दिया गया है।
सूत्रों की मानें तो अहम दस्तावेज, डाटा फाइल्स और तकनीकी साक्ष्य गायब कर दिए गए हैं।
कई लोग मानते हैं कि इस ऑफिस में देश के सबसे बड़े डिजिटल फ्रॉड के सबूत छिपे हुए थे, जो अब शायद मिटाए जा चुके हैं।
ED के अनुसार कंपनी ने ₹1800 करोड़ से अधिक की रकम ‘किराया’ के नाम पर वापस करके एक फर्जी वैधता का माहौल रचा। असलियत यह थी कि न तो कोई डेटा सेंटर चालू था, न ही कोई क्लाउड सेवाएं संचालित की जा रही थीं।
इतने बड़े फर्जीवाड़े के बावजूद कंपनी के दूसरे साथी अभी भी बाहर क्यों हैं?
ED या पुलिस ने आज तक निवेशकों से पूछताछ क्यों नहीं की?
क्या इस घोटाले में कुछ प्रभावशाली लोग पर्दे के पीछे से संरक्षण दे रहे हैं?
विदेशों में डाटा लीक होने की आशंका को भी नजरअंदाज किया गया है, जो राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करता है।
प्रवर्तन निदेशालय ने लोगों को चेताया है कि कोई भी “हाई रिटर्न वाला स्कीम” सामने आए तो उसमें बिना जांच के निवेश न करें।
यदि आपने इस कंपनी में निवेश किया है, तो तुरंत स्थानीय थाने या ED कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं।
ED ने कहा है कि यह मामला अब भी खुल रहा है। आने वाले दिनों में कई बड़े नाम इस फर्जीवाड़े में सामने आ सकते हैं।
लखनऊ ऑफिस से मिली हार्ड डिस्क, सीसीटीवी फुटेज और निवेश डाटा की जांच जारी है।
“घर बैठे लाखों कमाने का सपना — असल में निकला डिजिटल धोखा!”
“न निवेशक पूछे गए, न डाटा की सुरक्षा पक्की — क्या ये घोटाला था या सुनियोजित राष्ट्रव्यापी जाल?”