लखनऊ: उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग (Uttar Pradesh Tourism Department) द्वारा झांसी (Jhansi) स्थित मेजर ध्यानचंद हिल (Major Dhyanchand Hill) पर पर्यटन सुविधाओं के विकास हेतु 02.16 करोड़ रुपए की लागत से विकास कार्य प्रारंभ किए गए हैं। इस परियोजना का उद्देश्य न केवल मेजर ध्यानचंद की विरासत को सम्मान देना है, बल्कि ऐतिहासिक धरती झांसी को प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करना भी है।
पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह (Jaiveer Sing) ने जानकारी देते हुए बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की ऐतिहासिक धरती झांसी में महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के श्रद्धांजलि स्वरूप पर्यटन विकास कार्य किया जा रहा है। जिसके तहत पर्यटन स्थल पर बैठने की सुविधा, पेयजल की व्यवस्था, छायादार स्थान सहित अन्य पर्यटन अनुकूल सुविधाएं विकसित की जाएंगी।
उल्लेखनीय है कि मेजर ध्यानचंद का जन्म इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था। उनका बाल्यकाल और शेष जीवन झांसी में ही बीता, जिससे यह शहर उनके जीवन के महत्वपूर्ण पलों से जुड़ा रहा है। ‘हॉकी के जादूगर’ के रूप में प्रसिद्ध ध्यानचंद ने भारत को वर्ष 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक दिलाया, जिससे भारतीय हॉकी वैश्विक शिखर तक पहुंचा। बेहतरीन गेंद नियंत्रण और गोल करने की कला के कारण उन्हें ‘मैजिशियन ऑफ हॉकी’ जैसी उपाधियां मिलीं। देश में उनके जन्मदिन यानी 29 अगस्त को भारत में ‘राष्ट्रीय खेल दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
जयवीर सिंह ने बताया कि झांसी वीरों की भूमि है। जहां एक ओर रानी लक्ष्मीबाई की शौर्य गाथा है, तो दूसरी ओर मेजर ध्यानचंद जैसी महान विभूति की उपलब्धियां भी इसे गौरवान्वित करती हैं। यह विकास कार्य केवल अवसंरचना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और नई पीढ़ियों को प्रेरणा देने का माध्यम भी है। विभाग का यह प्रयास झांसी को न केवल शौर्य की प्रतीक भूमि, बल्कि खेल और संस्कृति में भारतीय उत्कृष्टता के प्रतीक स्थल के रूप में भी स्थापित करती है।