बच्चों ने मंत्रों के अर्थ के साथ सीखा भारतीय संस्कृति का पाठ
पीलीभीत। भारत विकास परिषद के तत्वावधान में शुक्रवार को कंपोजिट विद्यालय बरहा में ‘बाल संस्कार कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों को वैदिक मंत्रों का शाब्दिक अर्थ समझाते हुए भारतीय संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा दी गई। कार्यक्रम में विद्यार्थियों ने मंत्रों को पढ़ा, समझा और उनके भावार्थ को आत्मसात किया।
कार्यक्रम के दौरान डॉ. शशिवाला गुप्ता ने गायत्री मंत्र का शाब्दिक अर्थ बच्चों को समझाया। वहीं, डॉ. लक्ष्मीकांत शर्मा ने दीप ज्योति मंत्र का भावार्थ स्पष्ट किया। डॉ. अनुरीता सक्सेना ने भोजन मंत्र का अर्थ बताया जबकि बी. के. सिंह ने शांति मंत्र का बच्चों को सरल भाषा में अर्थ समझाया।
कार्यक्रम में शाखा सचिव जगदीश सक्सेना ने त्रेताय मंत्र, शक्ति ज्ञान शक्ति, सतयुग, द्वापर, युद्ध शक्ति, तथा संघीय शक्ति कलयुग आदि मंत्रों का भावार्थ बताते हुए विद्यार्थियों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से समृद्ध किया।
कार्यक्रम के अंत में शाखा अध्यक्ष रवि शर्मा ने सभी बच्चों, अध्यापिकाओं और परिषद के कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए बच्चों से आग्रह किया कि वे चार दिवसीय कार्यशाला में सिखाए गए मंत्रों को न केवल याद करें, बल्कि समझ कर अपने जीवन में उतारें। उन्होंने बताया कि दो-तीन दिन बाद इस विषय पर परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बच्चों को पुरस्कार देकर सम्मानित किया जाएगा।
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों को धर्म, संस्कृति और वेद-पुराणों की बुनियादी जानकारी देना था, जिससे वे नैतिक मूल्यों के साथ जीवन जीने की प्रेरणा पा सकें। इस अवसर पर भारत विकास परिषद की ओर से सभी सहभागियों का आभार व्यक्त किया गया।विशेष रूप से प्रांत के संपर्क प्रमुख विनोद गुप्ता के योगदान की सराहना की गई, जिन्होंने सभी बच्चों के लिए मंत्रों को मुद्रित कराकर वितरित कराया।
कार्यक्रम में उपस्थित प्रमुख व्यक्तित्व:
ममता गंगवार, प्रधानाचार्य, कंपोजिट विद्यालय बरहा संतोष खरे, अध्यापक विजय लक्ष्मी, अध्यापक कमला सिंह ऋषि मुनी त्यागी का रहा।
इन सभी गणमान्य व्यक्तियों की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को प्रेरणादायक बनाया और बच्चों को भारतीय संस्कृति से जुड़ने की प्रेरणा दी।