यूथ इंडिया संवाददाता
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में राशन कार्ड के लिए नए नियम लागू कर दिए हैं, जिससे लाभार्थियों को राशन वितरण में पारदर्शिता और सुगमता सुनिश्चित की जा सके। नए नियमावली में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं, जिनसे लाभार्थियों की पहचान और पात्रता को सुनिश्चित किया जा सकेगा।
1. आधार लिंकिंग अनिवार्य- राशन कार्ड को आधार कार्ड से लिंक करना अनिवार्य कर दिया गया है। इससे फर्जीवाड़े पर रोक लगेगी और लाभार्थियों की सही पहचान हो सकेगी।
2. ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया- नए नियमों के तहत, राशन कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है। इससे आवेदकों को कार्यालय के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे और समय की बचत होगी।
3. वार्षिक आय सीमा- राज्य सरकार ने पात्रता के लिए वार्षिक आय सीमा निर्धारित की है। ग्रामीण क्षेत्रों के लिए यह सीमा 1.5 लाख रुपये और शहरी क्षेत्रों के लिए 2 लाख रुपये है। इसके तहत उन्हीं परिवारों को राशन कार्ड मिलेगा जिनकी आय इन सीमाओं के भीतर हो।
4. नवीनतम दस्तावेज़ों की आवश्यकता- नए आवेदन के साथ आवेदकों को आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और परिवार के सदस्यों की सूची प्रस्तुत करनी होगी।
5. सार्वजनिक वितरण प्रणाली में सुधार- नए नियमों के तहत पीडीएस प्रणाली को अधिक पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए कई उपाय किए गए हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक पॉइंट ऑफ सेल मशीनों का उपयोग, जीपीएस आधारित निगरानी, और शिकायत निवारण तंत्र शामिल हैं।
लाभार्थियों की संख्या- राज्य में कुल 3 करोड़ से अधिक परिवार राशन कार्ड के माध्यम से लाभान्वित होते हैं।
राशन की वितरण दर- प्रति व्यक्ति प्रति माह 5 किलो अनाज (चावल/गेहूं) प्रदान किया जाता है।जिला स्तर पर निगरानी- जिला स्तर पर निगरानी समितियों का गठन किया गया है जो राशन वितरण में किसी भी प्रकार की अनियमितता पर नजर रखेंगी।
उत्तर प्रदेश के खाद्य एवं रसद विभाग के मंत्री, ने कहा, नए नियमों का उद्देश्य राशन वितरण प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाना है, ताकि गरीब और वंचित परिवारों को समय पर और उचित मात्रा में खाद्यान्न उपलब्ध हो सके।
लाभार्थी किसी भी समस्या या शिकायत के लिए टोल-फ्री नंबर 1800-180-0150 पर संपर्क कर सकते हैं। इसके अलावा, शिकायतें ऑनलाइन पोर्टल पर भी दर्ज कराई जा सकती हैं। इन नए नियमों और सुधारों के साथ, उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य राज्य में राशन वितरण प्रणाली को सशक्त और प्रभावी बनाना है, जिससे सभी पात्र लाभार्थियों को समय पर और बिना किसी कठिनाई के राशन मिल सके।