सांसद रमेश अवस्थी ने उठाया मुद्दा, लाल इमली कर्मचारियों के बकाया वेतन भुगतान पर भी दिया जोर
नई दिल्ली/कानपुर। कानपुर की औद्योगिक विरासत को पुनर्जीवित करने के प्रयास में, सांसद रमेश अवस्थी ने संसद में शहर की बंद पड़ी करीब 12 मिलों को दोबारा शुरू करने की मांग उठाई। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि जो मिलें पुनः संचालित की जा सकती हैं, उन्हें चालू किया जाए और जो पूरी तरह खंडहर में बदल चुकी हैं, वहां आईटी हब अथवा अन्य रोजगारपरक परियोजनाएं शुरू की जाएं, जिससे कानपुर का समग्र विकास हो सके।
सांसद अवस्थी ने विशेष रूप से कानपुर की प्रतिष्ठित लाल इमली मिल का मुद्दा उठाया, जहां वर्षों से कर्मचारियों को वेतन नहीं मिला है। उन्होंने सरकार से अनुरोध किया कि मिल के कर्मचारियों को उनके बकाया वेतन का जल्द भुगतान किया जाए। उन्होंने कहा कि हजारों श्रमिकों का भविष्य इस मिल से जुड़ा है, और सरकार को इसे पुनर्जीवित करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
श्री अवस्थी ने केंद्रीय कपड़ा मंत्री गिरिराज सिंह से भी मुलाकात की और सुझाव दिया कि कपड़ा मंत्रालय की निष्क्रिय संपत्तियों का सर्वेक्षण कर उन्हें आधुनिक तकनीकी और औद्योगिक उपयोग के लिए तैयार किया जाए। उनका कहना है कि यदि इन मिलों को आईटी हब या अन्य रोजगारपरक इकाइयों में तब्दील किया जाता है, तो इससे युवाओं को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा और कानपुर के औद्योगिक पुनरुद्धार को गति मिलेगी।
सांसद अवस्थी के इस कदम की स्थानीय जनता और लाल इमली कर्मचारी संघ ने सराहना की है। लंबे समय से इन मिलों के पुनरुद्धार और कर्मचारियों के वेतन भुगतान की मांग उठती रही है, लेकिन किसी ने इसे प्रभावी ढंग से संसद में नहीं रखा था। अवस्थी पहले ऐसे सांसद हैं जिन्होंने इस विषय पर प्रमुखता से ध्यान दिया और सरकार से ठोस निर्णय लेने की अपील की।
अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केंद्र सरकार सांसद रमेश अवस्थी की इस मांग पर क्या निर्णय लेती है। क्या कानपुर की बंद मिलें फिर से चालू होंगी, या उन्हें नए औद्योगिक हब के रूप में विकसित किया जाएगा? यह आने वाले समय में साफ होगा, लेकिन अवस्थी के इस प्रयास ने कानपुर की औद्योगिक पुनरुद्धार की उम्मीदों को एक नई दिशा जरूर दी है।