यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। वैसे तो फर्रुखाबाद महीयशी महादेवी वर्मा से लेकर डॉक्टर शिव ओम अंबर अन्य रचनाकारों की साहित्यिक परंपरा के साथ अपना योगदान दे रहा है इस परंपरा के युवा उत्तराधिकारी के रूप में युवा कभी उत्कर्ष अग्निहोत्री ने जो पहचान कविता के क्षेत्र में बनाई है उतनी ही मजबूत पहचान गद्य लेखन के क्षेत्र में भी पैदा की है इसका एक ताजा उदाहरण उनके द्वारा लिखा गया साक्षात्कार संग्रह कुछ बातें कुछ मुलाकातें प्रकाशित हुआ तो चारों तरफ से तारीफ़ों के ख़त आने लगे। डॉक्टर शिव ओम अंबर की शिष्य परंपरा को आगे बढ़ते हुए उत्कर्ष हर दिन साहित्यिक उत्कर्ष और बढ़ रहे हैं।
कुछ बातें कुछ मुलाकातें के बारे में उन्होंने यूथ इंडिया को बताया कि ये हिन्दी साहित्य की लेखकीय परंपरा और कविता की वाचिक परंपरा के मूर्धन्य रचनाकारों के साक्षात्कारों का संग्रह है। जिसमें उन रचनाकारों के साहित्यिक और वैयक्तिक जीवन के बहुत से अनछुए पहलू सामने आते हैं।
इन प्रश्नों और उत्तरों की यात्रा में पाठकों को जीवन के बहुत से उतार चढ़ावों की संवेदनशील समझ प्राप्त होती है। रचनाकारों के इन साक्षात्कारों में व्यक्तित्व की गरिमा से अस्तित्व की महिमा तक कैसे नर्म और विनम्र अदा मिलती है । अलग अलग क्षेत्रों के ग्यारह रचनाकारों से साहित्य, समाज, संस्कृत, परिवेश और समय की समझ प्राप्त होती है। जितने सामान्य प्रश्न है उतने ही असाधारण उत्तर हैं। प्रत्येक साक्षात्कार व्यक्ति की चिंतन धारा का उजास प्रकट करता है। निश्चित ही ये पुस्तक उन पाठकों को बहुत रुचेगी जो रचनाकार के निजी जीवन से या उनके रचनात्मक मन से संवाद करना चाहते हैं।