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Thursday, April 24, 2025

पांच साल बाद बदल जाएगी तस्वीर: दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाला देश कौन होगा?

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– शरद कटियार

दुनिया की जनसंख्या संरचना में तेजी से बदलाव हो रहा है। आने वाले पांच वर्षों में मुस्लिम जनसंख्या के आंकड़ों में बड़ा परिवर्तन देखने को मिल सकता है। अभी तक इंडोनेशिया मुस्लिम आबादी के लिहाज से दुनिया में पहले स्थान पर है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि जल्द ही यह स्थान किसी अन्य देश को मिल सकता है। सवाल यह है कि क्या भारत वह देश होगा जो इस सूची में शीर्ष पर पहुंचेगा?

विभिन्न रिपोर्टों और जनसंख्या अध्ययनों के अनुसार, मुस्लिम समुदाय की वृद्धि दर अन्य धर्मों की तुलना में अधिक है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्टों के मुताबिक, 2050 तक इस्लाम दुनिया का सबसे बड़ा धर्म बन सकता है।

वर्तमान में दुनिया में सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी वाले देशों में औसतन जनसंख्या में इंडोनेशिया: लगभग 23 करोड़ पाकिस्तान: लगभग 22 करोड़, भारत: लगभग 21 करोड़
बांग्लादेश: लगभग 15 करोड़ है।नाइजीरिया की मुस्लिम जनसंख्या लगभग 11 करोड़ है।
इन आंकड़ों को देखते हुए भारत जल्द ही मुस्लिम जनसंख्या के मामले में पहले स्थान पर पहुंच सकता है।
भारत एक बहुधार्मिक और बहुसांस्कृतिक देश है, जहां विभिन्न समुदाय एक साथ रहते हैं। मौजूदा समय में भारत में 21 करोड़ से अधिक मुस्लिम रहते हैं, जो कुल जनसंख्या का लगभग 15% हैं। हालांकि, भारत की हिंदू आबादी अब भी बहुसंख्यक बनी हुई है, लेकिन मुस्लिम जनसंख्या वृद्धि दर को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत जल्द ही इंडोनेशिया को पीछे छोड़ सकता है।

भारत में मुस्लिम जनसंख्या की वृद्धि दर अन्य समुदायों की तुलना में थोड़ी अधिक है, लेकिन यह कहना जल्दबाजी होगी कि इससे देश की सामाजिक संरचना में कोई बड़ा बदलाव होगा। विशेषज्ञों का मानना है कि जनसंख्या में वृद्धि स्वाभाविक प्रक्रिया है और इसे किसी भी राजनीतिक या सांप्रदायिक नजरिए से देखने के बजाय एक सामाजिक-सांस्कृतिक परिप्रेक्ष्य में देखना चाहिए।

भारत के अलावा, पाकिस्तान और नाइजीरिया भी तेजी से मुस्लिम आबादी में वृद्धि कर रहे हैं। पाकिस्तान की जन्म दर भारत से अधिक है, जबकि नाइजीरिया में मुस्लिम समुदाय की संख्या तेजी से बढ़ रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि 2030 तक नाइजीरिया इंडोनेशिया को पीछे छोड़ सकता है, क्योंकि वहां की कुल जनसंख्या तेजी से बढ़ रही है और मुस्लिम समुदाय इसका एक बड़ा हिस्सा है।

अगर भारत मुस्लिम आबादी के मामले में दुनिया में पहले स्थान पर आता है, तो इससे सामाजिक और सांस्कृतिक स्तर पर कई बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

भारत में मुस्लिम समुदाय की बढ़ती संख्या राजनीति को भी प्रभावित कर सकती है। विभिन्न राजनीतिक दल मुस्लिम वोट बैंक को लेकर रणनीति बनाने में जुट सकते हैं।भारत की पहचान उसकी विविधता में है। अगर मुस्लिम जनसंख्या बढ़ती भी है, तो यह जरूरी नहीं कि यह देश की मूल सामाजिक संरचना को बदल दे।मुस्लिम समुदाय की बढ़ती जनसंख्या से बाजार, शिक्षा और रोजगार के क्षेत्रों में नए अवसर और चुनौतियां सामने आ सकती हैं।
मुस्लिम जनसंख्या में तेजी से हो रही वृद्धि ने दुनिया भर में नई चर्चाओं को जन्म दिया है। हालांकि, यह सिर्फ संख्याओं का खेल नहीं है, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। भारत एक बहुधार्मिक देश है, जहां हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सहित सभी समुदाय मिल-जुलकर रहते हैं।

आने वाले वर्षों में जनसंख्या के आंकड़े बदल सकते हैं, लेकिन भारत की वास्तविक ताकत उसकी विविधता और एकता में है। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या भारत दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम जनसंख्या वाला देश बनेगा या कोई और देश इस सूची में आगे निकलेगा।
(लेखक, दैनिक यूथ इंडिया के प्रधान संपादक हैं)

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