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Sunday, April 20, 2025

हम हर पहलू में हिंदुओं से अलग …, पाक सेना प्रमुख ने फिर उगला ‘जहर’

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पाकिस्तान के गठन के बाद से ही पड़ोसी देश की सेना और उसके प्रमुख भारत के खिलाफ जहर उगलते रहे हैं। इसी परंपरा को पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर भी आगे बढ़ा रहे हैं। मुनीर ने हाल ही में इस्लामाबाद में आयोजित कार्यक्रम में अपनी कट्टरपंथी विचारों को ओवरसीज पाकिस्तानियों के सामने रखा।  साथ ही उन्होंने इस्लाम और पाकिस्तान को दूसरों से बेहतर बताने की कोशिश करते हुए हिन्दू धर्म के लोगों के खिलाफ अपने मन भरे जहर को खूब उगला है।

दरअसल, पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर ने 3 से 16 अप्रैल 2025 तक इस्लामाबाद में आयोजित ओवरसीज पाकिस्तानियों के पहले सालाना सम्मेलन में भाग लिया। इस दौरान उनके भाषण से लगा कि वह किसी देश के सेना प्रमुख नहीं बल्कि कोई कट्टरपंथी मौलाना या मौलवी हैं, जो दूसरे धर्म के लोगों को कुछ नहीं समझता। असीम मुनीर ने 16 अप्रैल के भाषण में उन्होंने भारत, हिन्दू धर्म, दो-राष्ट्र सिद्धांत, कश्मीर और गाजा जैसे मुद्दों पर भाषण दिया। जिसमें मोहम्मद अली जिन्ना की विचारधारा झलक दिख रही थी।

भारत-पाकिस्तान के बंटवारे का जिक्र करते हुए जनरल मुनीर ने कहा कि पाकिस्तान की कहानी अपने बच्चों को जरूर बताएं. ताकि वे पाकिस्तान की कहानी न भूलें। उन्होंने कहा, ‘हमारे पूर्वजों ने सोचा कि हम जीवन के हर मुमकिन पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म अलग हैं, हमारे रीति-रिवाज अलग हैं, हमारी परंपराएं अलग हैं, हमारे विचार अलग हैं, हमारी महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यहीं से दो-राष्ट्र सिद्धांत की नींव रखी गई। हम दो राष्ट्र हैं, हम एक राष्ट्र नहीं हैं।’ यह बयान मोहम्मद अली जिन्ना के दो-राष्ट्र सिद्धांत की वही पुरानी व्याख्या है, जिसमें मजहब को राष्ट्र निर्माण की नींव बताया गया।

प्रवासी पाकिस्तानियों से पाकिस्तान के आर्मी चीफ ने कहा, “जिस तरह आप अपने मुल्क के लिए योगदान दे रहे हैं, पैसे भेजकर, निवेश कर, अलग-अलग माध्यमों से इससे ये पता चलता है कि आप अपने मुल्क से कितना मोहब्बत करते हैं।” उन्होंने कहा, ‘जो ओवरसीज हैं वो एक अलग तहजीब में रहते हैं, लेकिन आप ये कभी मत भूलिए कि आप एक सुपीरियर आइडियोलॉजी से ताल्लुक रखते हैं।”

जनरल असीम मुनीर ने कहा, “आजतक इंसानियत की तारीख में सिर्फ दो रियासतें हैं जो कलमें की बुनियाद पर बनी हैं। पहली जो थी उसका नाम है रियासत-ए-तैयबा… आज उसको मदीना कहा जाता है। और जो दूसरी रियासत है, वो उसके 1300 साल के बाद अल्लाह ने आपकी (पाकिस्तान) बनाई है, कलमे की बुनियाद के ऊपर।”

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