यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। दरगाह शहाबुद्दीन औलिया के उर्स का गुरुवार को कुल फातिहा के बाद समापन हो गया। कुल फातिहा में अकीदतमंदो की भीड़ उमड़ी और दरगाह पर चादरपोशी की गई। इस मौके पर कब्बालों ने सूफियाना कलाम पेश किए।
लोको स्थित दरगाह शहाबुद्दीन औलिया पर चल रहे 264 वे तीन दिवसीय उर्स के आखिरी दिन दरगाह पर कई शहरों से पहुंचे जयरीन कुल शरीफ में शामिल हुए। दरगाह पर उर्स के समापन पर कव्वाली की महफिल सजी जिसमें कव्वालो ने कलाम पेश किए। सज्जादानशीन मोहम्मद शरीफ उर्फ मोहब्बत शाह की जेरे सरपरस्ती में हुआ। उर्स व कुल के बाद मुल्क में खुशहाली के लिए दुआ की गई। इसके बाद दरगाह पर लंगर वितरित किया गया। उर्स में रुदौली शरीफ दरगाह के सज्जादा नशीन हजरत अम्मार अहमद अहमदी उफऱ् नय्यर मियां मेहमाने खुशूशी रहे। नायाब सज्जादा नशीन शाह मुहम्मद वसीम ने कहा खानकाहे मोहब्बत का पैगाम देती आ रही है।
आपसी भाईचारे के साथ रहने का संदेश देती है। खानकाहों के दरवाजे हर किसी के लिए हमेशा खुले रहते हैं। इस मौके पर हनीफ अहमद बबलू भाई, आकिब खान,कासिम साबरी, मोहसिन खान, जहीन साबरी ,रफत हुसैन, शाह आलम आदि आदि रहे।
बताते चलें कि लोगों दरगाह में तमाम भरते हो गई इसका आयोजन होता आ रहा है और और बाहर से आने वाले मौलाना उर्स में शरीक होकर बुजुर्गों के बताए हुए रास्ते पर चलने का आवाहन करते आ रहे हैं नैय्यर मियां कई वर्षों से हर बार दरगाह में माता देखने आते हैं और लोगों को देते देते हैं नजर मियां मुसलमानों के जाने-माने धर्मगुरु हैं जो समय-समय पर अपना मार्गदर्शन समाज को देते रहते हैं।