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Friday, April 18, 2025

गुंडाराज खत्म कर महाकुंभ के जरिए अर्थव्यवस्था सुधार: सीएम योगी का अद्वितीय प्रयास

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रोहित श्रीवास्तव

प्रयागराज महाकुंभ 2025 ने अर्थव्यवस्था को दी नई दिशा

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने गुंडाराज खत्म करने के बाद राज्य की छवि सुधारने और अर्थव्यवस्था को नई दिशा देने के लिए अद्वितीय प्रयास किए हैं। इन प्रयासों का प्रमुख उदाहरण प्रयागराज महाकुंभ 2025 है, जिसने न केवल राज्य की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक स्तर पर पहुंचाया, बल्कि आर्थिक गतिविधियों में भी नई ऊर्जा का संचार किया।

योगी सरकार के आने से पहले उत्तर प्रदेश गुंडाराज और भ्रष्टाचार के लिए कुख्यात था। 2017 के बाद मुख्यमंत्री ने कानून-व्यवस्था को प्राथमिकता दी।

2017-2024 के दौरान 18,000 से अधिक अपराधियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई हुई। 6,700 अपराधियों की संपत्तियों को जब्त किया गया या ध्वस्त किया गया।

राज्य में डकैती और हत्या जैसे अपराधों में 32% की कमी आई है। पुलिसिंग में तकनीकी सुधारों के कारण औसत अपराध निवारण दर 68% तक पहुंच गई।इन सुधारों के चलते राज्य में व्यापारियों और निवेशकों का विश्वास बढ़ा, जिससे महाकुंभ जैसे बड़े आयोजनों के लिए अनुकूल माहौल तैयार हुआ।महाकुंभ 2025 को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने न केवल धार्मिक आयोजन के रूप में देखा, बल्कि इसे आर्थिक विकास का माध्यम भी बनाया।5,000 हेक्टेयर क्षेत्रफल में आयोजित इस महाकुंभ में लगभग 40 करोड़ श्रद्धालुओं ने भाग लिया।

विदेशी पर्यटकों की संख्या 10 लाख तक पहुंची, जिससे विदेशी मुद्रा में ₹3,000 करोड़ का योगदान हुआ।स्थानीय उद्योगों, विशेषकर हस्तशिल्प, पर्यटन, और खाद्य व्यवसायों को ₹12,000 करोड़ का लाभ हुआ।महाकुंभ के दौरान रोजगार के नए अवसरों का निर्माण किया गया इसके अलावा सफाई और सुरक्षा कर्मचारियों के लिए 2 लाख अस्थायी नौकरियां सृजित हुईं।पर्यटन उद्योग में 50,000 स्थायी नौकरियां प्रदान की गईं।स्टार्टअप्स और डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए स्थानीय युवाओं को रोजगार मिला।

महाकुंभ की सफलता का बड़ा कारण बुनियादी ढांचे में सुधार रहा जिनमें प्रयागराज में ₹4,200 करोड़ की लागत से सड़क और पुल बनाए गए।

गंगा और यमुना नदी की सफाई पर ₹1,500 करोड़ खर्च हुए।श्रद्धालुओं के लिए 10,000 शौचालय, 5,000 मेडिकल कैंप और 20,000 रैन बसेरों का निर्माण हुआ।

आर्थिक और राजनीतिक असर

योगी आदित्यनाथ की इस रणनीति ने विपक्षी दलों को चौंका दिया। जहां विपक्ष ने महाकुंभ को फिजूलखर्ची कहा, वहीं इस आयोजन ने साबित कर दिया कि सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए भी अर्थव्यवस्था को नई दिशा दी जा सकती है।राज्य की GDP में 2% का उछाल आया।उत्तर प्रदेश देश के शीर्ष तीन पर्यटन स्थलों में शामिल हुआ।विदेशी निवेशकों ने राज्य में ₹5,000 करोड़ के नए प्रोजेक्ट्स की घोषणा की।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने कुशल नेतृत्व और मजबूत प्रशासनिक शैली के जरिए उत्तर प्रदेश की छवि बदलने का काम किया है। महाकुंभ 2025 ने न केवल राज्य को आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से सशक्त किया, बल्कि यह भी दिखाया कि धार्मिक आयोजन भी अर्थव्यवस्था के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।
उत्तर प्रदेश अब एक ऐसे राज्य के रूप में उभर रहा है, जहां कानून-व्यवस्था, विकास और सांस्कृतिक पहचान एक नई ऊंचाई पर हैं।

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