मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए 26/11 आतंकी हमले जख्म आज भी ताजा हैं। जिसमें कई परिवारों ने अपनों को खोया था। अब इस मामले से जुड़ी बड़ी खबर सामने आ रही है। मुंबई आतंकी हमले के दोषी तहव्वुर राणा (Tahawwur Rana) को भारत लाने का रास्ता साफ हो गया है। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने राणा के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी है।
जानकारी के अनुसार, तहव्वुर राणा ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। लेकिन, कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। राणा के वकील ने भारत प्रत्यर्पित करने के निचली अदालत के फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी। इस अपील में उसने दोहरे खतरे के सिद्धांत का हवाला दिया, जो किसी व्यक्ति को एक ही अपराध के लिए 2 बार मुकदमा चलाने या दंडित करने से रोकता है। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने आज अपने फैसले में उसकी अपील को ठुकरा दिया।
तहव्वुर राणा खुद भारत को प्रत्यर्पित करने के खिलाफ कानूनी लड़ाई लोअर कोर्ट और सैन फ्रांसिस्को में उत्तरी सर्किट के लिए अमेरिकी अपील न्यायालय सहित कई संघीय कोर्ट में हार चुका था। इसके बाद, राणा ने 13 नवंबर को अमेरिका के सुप्रीम कोर्ट के समक्ष याचिका दायर की थी। जिसके खिलाफ सॉलिसिटर जनरल एलिजाबेथ बी प्रीलोगर ने 16 दिसंबर को कोर्ट से याचिका खारिज करने की अपील की थी। अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राणा को भारत लाने के रास्ता साफ हो चुका है।
कौन है तहव्वुर राणा
मूल से पाकिस्तान का तहव्वुर राणा कनाडाई नागरिक है। राणा इस समय लॉस एंजिल्स की जेल में बंद है। उस पर साल 2008 में हुए 26/11 मुंबई आतंकी हमलों की साजिश से जुड़े होने के आरोप हैं। राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली से जुड़ा माना जाता है जो मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड में से एक है। इसलिए भारत लंबे समय से तहव्वुर राणा के प्रत्यर्पण के प्रयास कर रहा है। अब आखिरकार राणा को भारत लाने के सभी रास्ते साफ हो चुके हैं।