– मुलायम सिंह सरकार में हुआ था निर्माण, अब जंगली जानवरों और घास-फूस का अड्डा बन चुका है
फर्रुखाबाद, यूथ इंडिया। जनपद के बीचोबीच लगभग दो दशक पूर्व बना राजकीय संग्रहालय आज भी उपेक्षा का शिकार है। करोड़ों रुपये की लागत से निर्मित यह ऐतिहासिक भवन अब सफेद हाथी बनकर खड़ा है। देखरेख के अभाव में इसकी हालत बदहाल हो चुकी है और अब यह स्थान आवारा जानवरों व झाड़ियों का अड्डा बन गया है।
इतिहासकार डॉ. रामकृष्ण राजपूत के अनुसार, इस संग्रहालय की नींव तत्कालीन जिलाधिकारी चरणजीत बक्शी के कार्यकाल में रखी गई थी। निर्माण कार्य मुलायम सिंह यादव की सरकार में संपन्न हुआ और बाद में अतिरिक्त बजट देकर इसे और बेहतर स्वरूप देने का प्रयास किया गया। हालांकि बसपा सरकार के दौरान इसकी उपेक्षा हुई और कोई कार्य नहीं कराया गया।
डॉ. राजपूत ने बताया कि सपा सरकार के पुनः आने पर संग्रहालय को पुनर्जीवित करने की कोशिशें हुईं, लेकिन वो प्रयास भी अधूरे रह गए। वर्तमान में भाजपा सरकार के दौरान डॉ. राजपूत ने कई बार अपने निजी संग्रह से संग्रहालय के लिए ऐतिहासिक सामग्रियों की पेशकश की है। उनका आग्रह है कि यदि संग्रहालय का नाम उनके नाम पर रखा जाए, तो वे सामग्री देने को तैयार हैं। लेकिन सरकार और उनके बीच इस मुद्दे पर सहमति नहीं बन सकी है।
परिणामस्वरूप, यह संग्रहालय आज भी आम जनता और शोधार्थियों के लिए उपयोग में नहीं आ पा रहा है और उपेक्षा का प्रतीक बनकर खड़ा है। जिलाधिकारी और संस्कृति विभाग से यह अपेक्षा की जा रही है कि संग्रहालय को जल्द सक्रिय किया जाए ताकि फर्रुखाबाद की ऐतिहासिक धरोहरें सहेजी जा सकें।