यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रूखाबाद। दहेज उत्पीडऩ के मुकदमे में सुलह करने के बहाने दामाद को ससुराल बुलाया गया, जहां उसकी संदिग्ध परिस्थितियों में लाश आम के पेड़ से लटकी मिली। मृतक के परिजनों ने इसे हत्या का मामला बताते हुए न्यायालय की शरण ली, जिसके बाद न्यायाधीश ने पुलिस को तीन दिन के भीतर मुकदमा दर्ज कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया है। मृतक विकास कुमार के भाई सुनील कुमार ने बताया कि उसका भाई जयपुर में रहकर प्राइवेट नौकरी करता था। विकास का विवाह 8 साल पहले कामिनी, पुत्री शिवकुमार, निवासी नारायनामऊ, थाना कोतवाली कायमगंज, जनपद फर्रुखाबाद से हुआ था। विवाह के बाद से ही विकास और कामिनी के बीच विवाद चल रहा था, और कामिनी ने विकास के खिलाफ दहेज उत्पीडऩ का मुकदमा दर्ज करा रखा था।
सुनील ने कहा कि 12 सितंबर 2024 को विकास ने फोन पर बताया कि उसे कामिनी और उसके परिवार वाले, जिनमें दीपक, ऋतु, जीतू (सभी पुत्रगण शिवकुमार) और खुद शिवकुमार शामिल थे, सुलह के लिए बुला रहे हैं। विकास जब ससुराल पहुंचा, तो कुछ ही समय बाद उसकी मौत की खबर आई। उसकी लाश आम के पेड़ से लटकी पाई गई।
परिजनों का आरोप है कि यह एक सुनियोजित हत्या है, जिसे आत्महत्या का रूप देने की कोशिश की जा रही है। परिजनों ने न्याय की मांग करते हुए न्यायालय से गुहार लगाई, जिस पर न्यायिक मजिस्ट्रेट घनश्याम शुक्तला ने मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस को मामले की जांच कर तीन दिन के भीतर रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिये हैं।