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Sunday, July 13, 2025

श्री जगन्नाथ महोत्सव यात्रा: नगर की गलियां बनीं वृंदावन, भक्ति में डूबे श्रद्धालु

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फर्रुखाबाद। श्री जगन्नाथ महोत्सव के पावन अवसर पर सोमवार को नगर की गलियां श्रद्धा और भक्ति से सराबोर हो गईं। जैसे ही रथ यात्रा निकली, पूरा शहर वृंदावन सा प्रतीत हुआ। जगह-जगह पुष्पवर्षा, गुलाबजल की बौछार और आरती-प्रसाद वितरण के साथ भगवान जगन्नाथ के जयकारों ने माहौल को भक्तिमय बना दिया।

वैष्णव आचार्य चिन्मय गोस्वामी, आचार्य किशोरी दास, श्याम सुंदर शुक्ला, मनीष पांडेय और कु. बजरतन शुक्ला के सान्निध्य में यह यात्रा घमंडी पूजा मंदिर से प्रारंभ होकर दवाई रोड स्थित राधा श्याम शक्ति मंदिर पहुंची। वहां भगवान जगन्नाथ की पूजा अर्चना के साथ नृत्य नाटिका का आयोजन हुआ।

इसके पश्चात भगवान जगन्नाथ, उनके भ्राता बलराम और बहन सुभद्रा के विग्रहों को भव्य रथ पर स्थापित किया गया और नगर दर्शन यात्रा का शुभारंभ हुआ। यात्रा जैसे-जैसे नगर की गलियों से गुजरी, वैसे-वैसे श्रद्धालु नंगे पांव चलकर रथ के मार्ग को साफ करते नजर आए।

शंख, घंटियों और संकीर्तन की गूंज से शहर भक्तिरस में डूब गया। मार्ग में श्रद्धालुओं ने भगवान को आम, जामुन, करौंदा जैसे मिष्ठानों का भोग अर्पित किया। प्रमुख मार्गों जैसे लोहे का पुल, चौक, गुमटी, नेहरू रोड, स्टेट बैंक मार्ग होते हुए यात्रा पुनः घमंडी पूजा मंदिर पर समाप्त हुई, जहाँ विग्रहों की पुनः स्थापना के साथ आरती और भंडारे का आयोजन किया गया।

इस अवसर पर शहर के प्रमुख कृष्ण भक्त, वैष्णव संतों के साथ-साथ अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे, जिनमें प्रमुख नाम —
अशोक वर्मा, सुनील वर्मा, श्यामजी टंडन, अभिषेक रस्तोगी, गौरव मित्तल, अशोक मिश्रा, सचिन, हिमांशु वर्मा, प्रशांत रस्तोगी, नीरज रस्तोगी, श्याम रस्तोगी, व्यापारी नेता संजय गर्ग, विनोद वर्मा व अंजुम दुबे शामिल रहे।

नगर के विभिन्न हिस्सों से अलग-अलग यात्राएं भी निकाली गईं। डॉ. मनमोहन गोस्वामी (घमंडी पूजा), सुरेंद्र सफ्फड़ (राधा माधव मंदिर), शुभम तिवारी (पक्का पुल), सुरेश गोयल व रोहित गोयल (गांधी कूंचा) आदि की अगुवाई में निकली कीर्तन यात्राओं ने पूरे नगर को कृष्ण भक्ति में सराबोर कर दिया।

यात्रा के दौरान पुलिस प्रशासन ने चाकचौबंद सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखी। पुलिस कर्मी यात्रा के आगे-पीछे चलते हुए सुरक्षा व्यवस्था को सुनिश्चित करते नजर आए।

शहरवासियों के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचना सौभाग्य की बात मानी जाती है, जिसे अनुभव करने हजारों श्रद्धालु उमड़ पड़ा।

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