प्रशान्त कटियार
लखनऊ।साल 1998 में टेलीविजन पर प्रसारित हुआ क्राइम शो ‘इंडियाज़ मोस्ट वांटेड’ भारतीय दर्शकों के बीच बेहद लोकप्रिय हुआ। इस शो ने अपराध जगत की कई सच्ची कहानियों को उजागर किया और कई वांछित अपराधियों को पकड़वाने में अहम भूमिका निभाई। इस शो के होस्ट सुहैब इलियासी अपनी दमदार आवाज़ और तेज़-तर्रार रिपोर्टिंग के लिए चर्चित रहे।
सुहैब इलियासी ने अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से की थी। उन्होंने अपराध पर केंद्रित समाचारों की रिपोर्टिंग की और जल्द ही एक तेज़-तर्रार खोजी पत्रकार के रूप में पहचान बनाई। उनकी शैली ने दर्शकों को न केवल क्राइम की बारीकियों से अवगत कराया, बल्कि अपराधियों की धरपकड़ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
‘मोस्ट वांटेड’ न केवल एक टेलीविजन शो था, बल्कि यह अपराध और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों में जनभागीदारी को बढ़ावा देने का माध्यम भी बना। शो में दिखाई गई कई कहानियों ने पुलिस जांच को गति दी और अपराधियों को पकड़वाने में मदद की। इस शो ने भारतीय टेलीविजन पर क्राइम जर्नलिज़्म को एक नई दिशा दी और आज भी इसे खोजी पत्रकारिता के एक मील के पत्थर के रूप में देखा जाता है।
सुहैब इलियासी का नाम 2000 में एक विवाद में तब आया जब उनकी पत्नी अंजू इलियासी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। इस मामले में उन पर हत्या का आरोप लगा और लंबे कानूनी संघर्ष के बाद अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया, लेकिन बाद में हाईकोर्ट से राहत भी मिली।
भले ही समय के साथ टेलीविजन की दुनिया बदल गई हो, लेकिन सुहैब इलियासी का योगदान आज भी क्राइम रिपोर्टिंग के क्षेत्र में एक मिसाल बना हुआ है। उन्होंने अपराध और अपराधियों की दुनिया को बेनकाब करने का जो सिलसिला शुरू किया, वह आगे चलकर कई अन्य क्राइम शो के लिए प्रेरणा बना। उनकी शैली और रिपोर्टिंग के तरीके आज भी पत्रकारिता के छात्रों और खोजी पत्रकारों के लिए सीखने योग्य हैं।