– आमजन के प्रति समर्पण ने पेश की सच्चे प्रशासन की तस्वीर
संभल (उत्तर प्रदेश)। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद से एक ऐसी तस्वीर सामने आई है, जिसने न केवल सरकारी तंत्र की छवि को सशक्त किया है, बल्कि यह भी दिखा दिया है कि अगर अधिकारी संवेदनशीलता और सेवा-भाव के साथ कार्य करें तो जनता का विश्वास अपने आप लौट आता है। जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पेसिया की यह फोटो इन दिनों सोशल मीडिया से लेकर सरकारी गलियारों तक चर्चा का विषय बनी हुई है।
इस तस्वीर में डॉ. पेसिया किसी आम नागरिक की समस्या को पूरी गंभीरता, नम्रता और संवेदना के साथ सुनते हुए नजर आ रहे हैं। उनकी आंखों में जनता के प्रति उत्तरदायित्व और चेहरे पर आत्मीयता का भाव स्पष्ट झलक रहा है। यह दृश्य किसी कैमरे के लिए नहीं, बल्कि दिल से निकली सेवा भावना का प्रतीक बन गया है।
जहां आमतौर पर अफसरशाही पर लालफीताशाही और बेरुखे रवैये के आरोप लगते हैं, वहीं डॉ. पेसिया ने यह साबित कर दिया कि अधिकारी अगर चाहें तो अपनी संवेदनशीलता और निष्ठा से व्यवस्था में सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं। उन्होंने यह भी दिखाया कि एक डीएम की कुर्सी पर बैठा व्यक्ति केवल आदेश देने वाला नहीं, बल्कि जनता की पीड़ा को समझने और दूर करने वाला सच्चा जनसेवक भी हो सकता है।
सोशल मीडिया पर यह तस्वीर वायरल होते ही प्रदेश भर के लोगों और प्रशासनिक हलकों से डॉ. पेसिया की जमकर तारीफ हो रही है। कई लोगों ने लिखा कि “अगर हर जिलाधिकारी ऐसा हो जाए, तो किसी को दर-दर भटकने की जरूरत नहीं पड़ेगी।” वहीं, युवाओं और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों ने उन्हें अपना आदर्श बताया।
डॉ. पेसिया की यह तस्वीर केवल एक भावनात्मक क्षण नहीं है, यह उस बदलाव की बयार है, जिसकी जनता को लंबे समय से प्रतीक्षा थी। लोगों को अब विश्वास हो चला है कि अगर प्रशासनिक अधिकारी इसी भावना के साथ काम करें तो लालफीताशाही पर अंकुश लगेगा और गरीब, वंचित व पीड़ित को न्याय सुलभ हो सकेगा।
संभल के जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पेसिया ने यह दिखा दिया है कि सच्चा प्रशासनिक अधिकारी वही होता है जो अपने पद का उपयोग जनता की सेवा के लिए करता है, न कि केवल सत्ता के प्रदर्शन के लिए। उनकी यह एक तस्वीर आज हर उस अफसर के लिए आईना है, जिसे पद के साथ-साथ संवेदना का भी निर्वाह करना है।