यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। मेला रामनगरिया में गंगा सेवकों और संतों के बीच हुई मारपीट का मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। शुक्रवार को दोनों ही पक्षों ने मेले में धरना प्रदर्शन किया और प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की। घटना के कारण मेला प्रशासन और स्थानीय पुलिस सकते में है, जबकि कल्पवासी पूरे घटनाक्रम से हैरान हैं।
दुर्वासा ऋषि आश्रम के महंत ईश्वर दास ब्रह्मचारी जी महाराज ने सबसे पहले अपने आश्रम के दरवाजे पर धरना दिया, फिर मेला कार्यालय पहुंचकर विरोध प्रदर्शन किया। उनका कहना था कि गंगा सेवक प्रदीप कुमार शुक्ला के साथ हुई मारपीट के बावजूद अभी तक प्रशासन ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। उन्होंने आरोप लगाया कि न तो पीडि़त का मेडिकल कराया गया और न ही उचित इलाज मिल सका। महंत ईश्वर दास ने प्रशासन को कार्रवाई के लिए रात 10 बजे तक का समय दिया और चेतावनी दी कि अगर कार्रवाई नहीं हुई तो आंदोलन होगा।
दूसरी ओर, जब जूना अखाड़े के संत सत्य गिरी महाराज को सूचना मिली, तो वे अपने शिष्यों के साथ मेला पंडाल में पहुंच गए और कार्यालय के सामने धरने पर बैठ गए। उन्होंने भी प्रशासन पर आरोप लगाया कि उनके शिष्यों के साथ मारपीट हुई, लेकिन उनकी तहरीर पर भी कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। इसी दौरान, मेला परिसर में लोकतंत्र सेनानी सम्मेलन चल रहा था, जिसमें जिलाधिकारी आशुतोष कुमार द्विवेदी पहुंचे थे। संत सत्य गिरी महाराज ने डीएम से मिलने की कोशिश की, लेकिन वे कार्यक्रम में व्यस्त रहे। जब डीएम कार्यक्रम समाप्त कर अपनी गाड़ी में बैठे, तो सत्य गिरी महाराज और उनके शिष्यों ने घेराव करने का प्रयास किया। मौके पर मौजूद सीओ सिटी ऐश्वर्या उपाध्याय और कादरी गेट थाना प्रभारी अमोद कुमार ने स्थिति को नियंत्रित किया। मोहम्मदाबाद कोतवाल विनोद कुमार शुक्ला ने चेतावनी दी कि किसी अधिकारी का घेराव करना कानून तोडऩे के समान है। बाद में पुलिस ने संत सत्य गिरी महाराज का ज्ञापन लेकर जिलाधिकारी को सौंप दिया।
इस पूरे विवाद ने अब हिंदू संगठनों से आगे बढक़र संत समाज में टकराव का रूप ले लिया है। अगर प्रशासन ने समय रहते सावधानी नहीं बरती, तो यह मामला और अधिक गंभीर हो सकता है। मेला रामनगरिया में कल्पवास करने आए श्रद्धालु इस घटनाक्रम से चिंतित हैं और आशंका जता रहे हैं कि यह विवाद धार्मिक आयोजनों पर असर डाल सकता है। प्रशासन ने दोनों पक्षों को शांत रहने की अपील की है और निष्पक्ष जांच का आश्वासन दिया है।
रामनगरिया में संतों के दो गुट आमने सामने, दोनों पक्षों ने दिया धरना, प्रशासन अलर्ट
