यूथ इंडिया, एजेंसी। बांग्लादेश में नौकरी कोटा को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन के कारण हिंसा भड़क उठी है, जिससे 200 से अधिक भारतीय, जिनमें ज्यादातर छात्र हैं, मेघालय के रास्ते भारत लौट आए हैं। मेघालय सरकार ने बताया कि ये सभी लोग डौकी इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (आईसीपी) के जरिए सुरक्षित भारत पहुंचे हैं। बांग्लादेश इंडिजिनस पीपुल्स फोरम के एक अधिकारी ने बताया कि स्थिति बेहद चिंताजनक है और लोग डरे हुए हैं। उन्होंने अनुमान लगाया कि बांग्लादेश में मेघालय के सैकड़ों छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, जो अब फंसे हुए हैं।
इस हिंसा की जड़ में छात्रों की सरकारी नौकरियों में कोटा प्रणाली खत्म करने की मांग है। ढाका में शुरू हुआ यह विरोध प्रदर्शन अब पूरे देश में फैल गया है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। विपक्षी दलों ने देशव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिससे आपूर्ति श्रृंखला प्रभावित हुई है और महंगाई बढ़ी है।
इस राजनीतिक अस्थिरता के कारण बांग्लादेश की अर्थव्यवस्था पर भी गहरा असर पड़ा है। मुद्रास्फीति बढ़ रही है, निर्यात घट रहा है और विदेशी मुद्रा भंडार में कमी आई है। रोहिंग्या शरणार्थी संकट ने इस स्थिति को और भी जटिल बना दिया है। सत्तारूढ़ अवामी लीग और विपक्षी बीएनपी के बीच राजनीतिक खींचतान के कारण चुनाव प्रक्रिया को लेकर भी गतिरोध बना हुआ है।
इस बीच, मेघालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि शाम 6:45 बजे तक 202 भारतीय डौकी आईसीपी के रास्ते भारत लौट चुके हैं। इनमें से 198 छात्र हैं, जिनमें 67 मेघालय के हैं। बाकी छात्र नेपाल, भूटान और भारत के अन्य राज्यों से हैं। इसके अलावा, कुछ पर्यटक भी इस हिंसा के कारण बांग्लादेश से भारत आए हैं। फंसे हुए भारतीयों की मदद के लिए एक हेल्पलाइन नंबर 1800 345 3644 भी जारी किया गया है।