यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। फर्रुखाबाद में इटावा-बरेली हाइवे के घटिया निर्माण ने एक बार फिर एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अधिकारियों की भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। सांसद मुकेश राजपूत द्वारा केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री से सीधी शिकायत के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है, जिससे आम जनता में असंतोष फैल गया है। जानकारी के अनुसार, हाइवे निर्माण के लिए कुल 500 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया था। इसमें से लगभग 100 करोड़ रुपये अब तक जारी किए जा चुके हैं, लेकिन कार्य की गुणवत्ता बेहद खराब है। विभिन्न स्वतंत्र जांच एजेंसियों द्वारा किए गए परीक्षणों में पाया गया कि सडक़ निर्माण में उपयोग की जा रही सामग्री मानकों के अनुरूप नहीं है।
सांसद मुकेश राजपूत ने इस मामले को केंद्रीय सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के सामने उठाया था। हालांकि, शिकायत के बावजूद भी कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे पर कई बार आवाज उठाई, लेकिन अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण स्थिति जस की तस बनी रही।
इटावा-बरेली हाइवे की कुल लंबाई 200 किलोमीटर है। विभिन्न स्थानों पर निर्माण की गुणवत्ता की जांच करने पर पाया गया कि सडक़ की सतह पर दरारें और गड्ढे पहले ही दिखने लगे हैं।इस्तेमाल की जा रही सामग्री की गुणवत्ता मानकों के अनुरूप नहीं है, जिससे सडक़ की स्थायित्व पर सवाल उठते हैं।
स्थानीय निवासी रामेश्वर सिंह का कहना है, हमने कई बार अधिकारियों को घटिया निर्माण के बारे में सूचित किया, लेकिन हमारी शिकायतों को नजरअंदाज कर दिया गया। हमें उम्मीद थी कि सांसद मुकेश राजपूत के हस्तक्षेप से कुछ सुधार होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
वहीं, एक अन्य स्थानीय निवासी सविता देवी ने कहा, प्रधानमंत्री मोदी के शुसाशन की पोल खुल गई है। अगर इस घोटाले की निष्पक्ष जांच हो जाए, तो कई बड़े नामों का पर्दाफाश हो जाएगा।”
इटावा-बरेली हाइवे पर हो रहे घटिया निर्माण ने एनएचएआई के अधिकारियों की भ्रष्टाचार की पोल खोल दी है। अगर जल्द ही इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं की गई, तो यह करोड़ों रुपये के घोटाले का एक और उदाहरण बन जाएगा। अब देखना यह होगा कि सरकार और संबंधित अधिकारी इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते है।