लखनऊ। आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर परिवाद पर अगली सुनवाई 27 मार्च 2025 को होगी। यह परिवाद 18 फरवरी 2025 को सीएम योगी द्वारा किए गए एक एक्स (पूर्व में ट्विटर) पोस्ट और वीडियो के संबंध में दर्ज कराया गया है।
अमिताभ ठाकुर ने अपने परिवाद में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी समाज में धर्म और भाषा के आधार पर विभाजन करती दिख रही है। उन्होंने कहा कि सीएम पर पहले भी सांप्रदायिक विद्वेष से जुड़े मुकदमे दर्ज हो चुके हैं और चुनाव आयोग भी इस विषय पर कई बार कार्रवाई कर चुका है।
17 मार्च को सुनवाई के दौरान कार्यवाहक एमपीएमएलए मजिस्ट्रेट प्रियंका ने वाद की पोषणीयता पर बहस के लिए आज की तारीख तय की थी। आज अमिताभ ठाकुर ने अपने कानूनी तर्क प्रस्तुत किए, जिसके बाद अदालत ने अगली सुनवाई 27 मार्च को तय कर दी।
इस मामले में लोकल इंटेलिजेंस यूनिट (LIU) की सक्रियता बढ़ गई है। LIU अधिकारी न्यायालय परिसर में जानकारी जुटाते देखे गए, जिससे मामले की संवेदनशीलता और प्रशासनिक सतर्कता साफ नजर आ रही है।
इस मुद्दे पर आजाद अधिकार सेना की प्रवक्ता डॉ. नूतन ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री जैसे उच्च पद पर बैठे व्यक्ति पर इस तरह के आरोप गंभीर हैं और अदालत को इस पर निष्पक्ष निर्णय लेना चाहिए। उन्होंने विधि सम्मत कार्रवाई की मांग की।
अब सभी की नजरें 27 मार्च को होने वाली अगली सुनवाई पर टिकी हैं, जहां अदालत यह तय करेगी कि यह मामला आगे बढ़ेगा या नहीं।