मुर्शिदाबाद हिंसा में हरगोबिंदो दास (70) और उनके बेटे चंदन मारे गए के परिवार ने मुआवजे को लेने से इनकार कर दिया है। रविवार को राज्यसभा सांसद समीरुल इस्लाम, जंगीपुर लोकसभा सांसद खलीलुर रहमान और समसेरगंज टीएमसी विधायक अमीरुल इस्लाम सहित टीएमसी का एक प्रतिनिधिमंडल 10 लाख रुपये का चेक पीड़ितों के घर लेकर पहुंचा था। इस दौरान प्रतिनिधिमंडल पीड़ितों के घर एक घंटे से अधिक समय तक रुका और पीड़ितों को चेक सौंपने की कोशिश की गयी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया।
दरअसल, 11 अप्रैल को पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में वक्फ बिल के खिलाफ हुए हिंसक विरोध प्रदर्शन में समसेरगंज पुलिस थाने के अंतर्गत जाफराबाद में भीड़ ने हरगोबिंदो दास (70) और उनके बेटे चंदन की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। वहीं, जब टीएमसी प्रतिनिधिमंडल दल मृतक हरगोबिंदो दास और चंदन के परिवार को मुआवजे का चेक देने पहुंचा तो उन्होंने इस अस्वीकार कर दिया। चंदन की पत्नी पिंकी दास ने पूछा कि क्या वह पैसा मेरे पति या मेरे ससुर को वापस लाएगा? हमें मुआवजा क्यों स्वीकार करना चाहिए? हरगोबांदो दास की बेटी जुथिका दास ने कहा कि हमने उनसे साफ कह दिया है कि हमें मुआवजा नहीं चाहिए। उन्होंने सीएम ममता बनर्जी का भेजा गया चेक वापस कर दिया।
पीड़ित परिवार से मुलाकात के बाद टीएमसी सांसद समीरुल इस्लाम ने मीडिया से कहा, “हमने उनसे (पीड़ित परिवार) बात की है। हम उनके साथ खड़े रहेंगे। वे बाद में मुआवजा स्वीकार करेंगे। जो लोग राजनीति कर रहे हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि ऐसे राजनीतिक व्यक्ति लंबे समय तक परिवार के साथ नहीं रहेंगे। यह स्थानीय लोग और नेतृत्व है जो उनके साथ खड़े होंगे।
उन्होंने कहा, “वह न तो पार्टी नेता के रूप में वहां थे और न ही सांसद के रूप में।” टीएमसी सांसद ने आगे कहा, “सभी रंगों के राजनेता आपके पास आएंगे। वे ज्यादा से ज्यादा एक महीने के लिए आएंगे। जब तक वे इस मुद्दे का फायदा उठा सकते हैं। हम स्थानीय हैं और हमेशा आपके साथ रहेंगे।”