कासगंज। मथुरा-बरेली हाईवे पर मामो गांव के पास मीनाक्षी गेस्ट हाउस के मालिक और सेवानिवृत्त एडीएम की मंगलवार तड़के सिर में प्रहार कर हत्या कर दी गई है। घटना की जानकारी सुबह नौ बजे मिली, जब नौकर गेस्ट हाउस पहुंचा। उसने घटना की जानकारी मृतक की पत्नी और चचेरे भाई को दी। सूचना पर एसपी, एएसपी, सीओ सदर ने मौके पर पहुंच जानकारी ली। डॉग स्क्वायड और फोरेंसिक टीम ने मौके से सुबूत जमा किए।
गोरहा गांव के रहने वाले 68 वर्षीय राजेंद्र प्रसाद कश्यप (Rajendra Prasad Kashyap) पुत्र सावंतीलाल एडीएम पद से आठ वर्ष पहले महाराजगंज से सेवानिवृत्त हुए थे। गांव के पास ही मामो गांव में उनका मीनाक्षी गेस्ट हाउस है। ये गेस्ट हाउस में ही रह रहे थे। नौकर धर्मेंद्र निवासी नगला कंचन पूरे दिन गेस्ट हाउस में रहता था और रात में घर सोने चला जाता था। राजेंद्र प्रसाद की पत्नी मीना देवी अपने छोटे बेटे शुभम के साथ गाजियाबाद में रहती हैं। शुभम वहां ठेकेदारी करता है।
राजेंद्र प्रसाद को सुबह टहलने की आदत थी। यही वजह थी कि वह तीन बजे ही जग जाते थे। धर्मेंद्र उनको तीन बजे चाय पिलाने के बाद अपने गांव नगला कंचन चला गया। सुबह आठ बजे जब वह दोबारा गेस्ट हाउस आया तो उसने बाहर का गेट खटखटाया पर अंदर से कोई आवाज नहीं आई। इसके बाद उसने राजेंद्र प्रसाद के मोबाइल पर फोन भी किया पर वह भी नहीं उठा। इस पर उसने राजेंद्र प्रसाद की पत्नी मीना देवी को मोबाइल पर फोन किया और बताया कि गेस्ट हाउस अंदर से बंद है और मालिक फोन भी नहीं उठा रहे हैं।
इसके बाद वह गेस्ट हाउस के साइड वाले दरवाजे पर गया तो वह खुला हुआ था। अंदर घुसते ही राजेंद्र प्रसाद का बरामदे में शव पड़ा था। उनके सिर में प्रहार कर हत्या की गई थी। सिर से खून बह रहा था। इसकी सूचना उसने दोबारा मृतक की पत्नी को दी। उन्होंने गोरहा गांव में रह रहे अपने राजेंद्र प्रसाद के चचेरे भाई शांति स्वरूप को दी। वे ग्रामीणों के साथ घटना स्थल पर पहुंचे। इसके बाद उन्होंने हत्या की सूचना पुलिस को दी।
सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंच गई। पुलिस को गेट के बाहर खून पड़ा मिला, गेट के पास भी खून मिला। इसके बाद अंदर भी चार जगह खून के निशान थे। एक चप्पल भी वहां पड़ी थी। शव दूसरे साइड गेट के पास पड़ा था। कमरे अंदर से खुले हुए थे। जिसमें राजेंद्र प्रसाद रहते थे। फोरेंसिक टीम ने मौके से सुबूत जमा किए। एसपी अंकिता शर्मा ने बताया कि सिर में चोट लगी है। मामले की जांच की जा रही है। मृत्यु का कारण जानने के लिए पोस्टमार्टम कराया जा रहा है।
सात माह पहले बेच दिया था गेस्ट हाउस
चचेरे भाई शांति स्वरूप की मानें तो राजेंद्र प्रसाद कश्यप ने सात माह पहले मीनाक्षी गेस्ट हाउस को बेच दिया था। इसके बाद वह गोरहा पर दूसरा फार्म हाउस बना रहे थे। दिन में राजेंद्र प्रसाद फार्म हाउस पर ही रहते थे। शाम को मीनाक्षी गेस्ट हाउस पर रहते थे। उन्होंने बताया कि जिसको गेस्ट हाउस बेचा था उससे इससे को लेकर ये तय हुआ था। वह ये नहीं जानते थे कि गेस्ट हाउस किसको बेचा है?