यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। मसेनी चौराहा स्थित अपंजीकृत सिद्धिविनायक हॉस्पिटल को आज अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (एसीएमओ) द्वारा सील कर दिया गया। स्वास्थ्य विभाग की इस कार्रवाई के तहत बिना पंजीकरण के संचालित हो रहे इस अस्पताल में मरीजों के इलाज पर रोक लगाई गई। जांच के दौरान अस्पताल में कई गंभीर अनियमितताएं पाई गईं, जिससे इसे तुरंत बंद करने का आदेश दिया गया। हालांकि, इसके बाद जिले में यह चर्चा है कि स्वास्थ्य विभाग की यह कार्रवाई लंबे समय तक टिकाऊ नहीं रहती और जल्द ही सील हटा दी जाती है।
अस्पताल की सीलिंग के तुरंत बाद ही यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई यह कार्रवाई ज्यादा समय तक प्रभावी नहीं रहेगी। जिले में पहले भी ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जहां अपंजीकृत अस्पतालों को सील करने के कुछ ही दिनों बाद, संदिग्ध परिस्थितियों में सील हटा दी गई और अस्पताल पुन: संचालन में आ गए। यह स्थिति स्वास्थ्य विभाग की चरमराई व्यवस्था और भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है, जहां प्रभावशाली व्यक्तियों के दबाव या अन्य खेल के चलते अवैध अस्पतालों को फिर से खुलने दिया जाता है। इस प्रकार की कार्रवाई से स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में ऐसे कई उदाहरण हैं, जहां अस्पतालों को सील करने के बाद भी उन्हें चालू कर दिया जाता है, जो स्वास्थ्य विभाग के बड़े खेल और प्रशासनिक निष्क्रियता को उजागर करता है। ऐसी घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था किस हद तक चरमराई हुई है और मरीजों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ हो रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के इस रवैये से जनता में गुस्सा और निराशा व्याप्त है। अगर इस बार भी सिद्धिविनायक हॉस्पिटल की सील को जल्द हटा दिया गया, तो यह स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति विभाग की उदासीनता को और स्पष्ट कर देगा। जनता ने प्रशासन से सख्त और स्थायी कार्रवाई की मांग की है ताकि इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिल सकें।