यूथ इंडिया शरद कटियार
कन्नौज। जिले के चंदन सिंह महाविद्यालय में एक ऐसी घटना घटी है जिसने स्थानीय राजनीति में खलबली मचा दी है। बीजेपी की एक महिला नेता पूजा तोमर पर आरोप है कि वह अपनी 15 साल की भतीजी को नौकरी दिलाने के बहाने रात 2 बजे महाविद्यालय में ले गई थीं। यह मामला अब पुलिस की तफ्तीश के दायरे में आ गया है और फोरेंसिक टीम ने मंगलवार को महाविद्यालय परिसर का दौरा कर सबूत जुटाने का काम किया।
पूजा तोमर, जो करीब दो साल पहले समाजवादी पार्टी से भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुई थीं, पर यह आरोप है कि वह अपने प्रभाव का उपयोग करके पार्टी के बड़े नेताओं के करीब रही हैं। सवाल यह उठता है कि एक 15 साल की नाबालिग लडक़ी को आधी रात को नौकरी के लिए इंटरव्यू कैसे दिलाया जा सकता था? यह घटना पूजा तोमर की राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं के साथ-साथ उनके प्रभावशाली संपर्कों पर भी सवाल उठाती है।
पूजा का समाजवादी पार्टी में लंबा इतिहास रहा है, लेकिन बीजेपी में शामिल होने के बाद वह लगातार अपनी पकड़ मजबूत करती नजर आईं। आरोप है कि इस घटना के पीछे राजनीतिक दबाव और सत्ता का दुरुपयोग है। हालाँकि, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि पूजा तोमर ने ऐसा क्यों किया और इसके पीछे उनकी मंशा क्या थी।
फोरेंसिक टीम द्वारा चंदन सिंह महाविद्यालय में सबूत जुटाए जाने के बाद यह मामला और गहराता जा रहा है। महाविद्यालय के कर्मचारियों और अन्य गवाहों से भी पूछताछ की जा रही है। पुलिस इस मामले में हर एंगल से जांच कर रही है कि क्या वास्तव में यह महज एक नौकरी दिलाने का मामला था या इसके पीछे कुछ और साजिश छिपी हुई है।
जांच की दिशा में अब यह देखना होगा कि पूजा तोमर की राजनीतिक पृष्ठभूमि और उनकी हाल की गतिविधियों का इस मामले से क्या संबंध है। क्या यह पूरा मामला सत्ता के दुरुपयोग का एक और उदाहरण है, या इसके पीछे कोई और बड़ा षड्यंत्र छिपा हुआ है? यह सवाल अब जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
नबाव के बहाने सपा को घेरने का खेल?
कन्नौज। चंदन सिंह महाविद्यालय में 15 साल की लडक़ी को रात 2 बजे इंटरव्यू दिलाने का मामला अब एक बड़ा राजनीतिक विवाद बन गया है। बीजेपी की महिला नेता पूजा तोमर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी भतीजी को नौकरी दिलाने के बहाने महाविद्यालय परिसर में पहुंचाया, जहां फोरेंसिक टीम ने सबूत जुटाने के लिए जांच शुरू कर दी है। इस मामले के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह पूरा विवाद समाजवादी पार्टी (सपा) को निशाना बनाने का एक सुनियोजित प्रयास है?
सवालों के घेरे में बीजेपी :
1. पूजा तोमर का राजनीतिक इतिहास: पूजा तोमर पूर्व में समाजवादी पार्टी में रही थीं और लगभग दो साल पहले बीजेपी में शामिल हुईं। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद से ही उनकी गतिविधियों और सपा से जुड़े विवादित मामलों पर चर्चा हो रही है।
2. नौकरी का मामला: 15 साल की लडक़ी को रात के समय महाविद्यालय में ले जाना और उसे इंटरव्यू दिलाने की कोशिश की गई। यह कदम क्यों उठाया गया, यह स्पष्ट नहीं है, लेकिन इसने सपा को निशाना बनाने के आरोपों को जन्म दिया है।