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Monday, December 2, 2024

कमालगंज ब्लॉक में बदले विकास के मायने, ग्रामीण अंचलों में दौड़ रहीं कारें

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद, कमालगंज। जहां कभी ग्रामीण इलाकों में दुर्गम रास्तों पर पैदल चलना भी एक बड़ी चुनौती थी, वहीं आज यहां कारें फर्राटे से दौड़ रही हैं। कमालगंज ब्लॉक के कई गांव, जो कभी विकास की दौड़ में पीछे छूटे थे, अब सडक़ें और बुनियादी ढांचा बेहतर होने से उन्नति की ओर बढ़ रहे हैं। इस बदलाव का श्रेय सरकार की ग्रामीण सडक़ योजनाओं और स्थानीय प्रशासन की सक्रियता को जाता है।
कुछ साल पहले तक कमालगंज ब्लॉक के अधिकतर ग्रामीण क्षेत्र कच्ची और दुर्गम सडक़ों के लिए जाने जाते थे। बरसात के मौसम में यहां पहुंचना लगभग नामुमकिन हो जाता था। लोग साइकिल, बैलगाड़ी या पैदल ही सफर करने को मजबूर थे। गांव के बच्चों को स्कूल पहुंचने में काफी कठिनाई होती थी, और कई बार ग्रामीणों को आवश्यक सेवाओं तक पहुंचने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ता था।
सरकार द्वारा प्रधानमंत्री ग्राम सडक़ योजना और राज्य की अन्य विकास परियोजनाओं के तहत इन क्षेत्रों में सडक़ निर्माण कार्य तेजी से हुआ। अब ग्रामीण सडक़ों का नेटवर्क मजबूत हो गया है, जिससे न केवल आवागमन में आसानी हुई है, बल्कि व्यापारिक गतिविधियों को भी बढ़ावा मिला है। किसान अब अपने उत्पाद आसानी से शहर के बाजारों तक पहुंचा सकते हैं, जिससे उनकी आय में भी वृद्धि हो रही है।
कमालगंज ब्लॉक के ग्रामीण अंचल अब विकास की एक नई पहचान बन चुके हैं। जिन इलाकों में कभी पैदल चलना मुश्किल था, वहां अब मोटर गाडिय़ां दौड़ती हैं। सरायमीर, नगला भूप, खड़ेसरी, और भुडिय़ा जैसे गांवों में सडक़ों का विस्तार न केवल ग्रामीणों की सुविधाओं को बढ़ा रहा है, बल्कि यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा कर रहा है। पहले लोग बड़ी कठिनाई से ब्लॉक या जिला मुख्यालय तक पहुंचते थे, लेकिन अब यात्रा आसान हो गई है।
स्थानीय प्रशासन और ग्राम प्रधानों की सक्रियता ने इस विकास कार्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। क्षेत्रीय विधायक और सांसद भी इस दिशा में लगातार ध्यान दे रहे हैं। प्रशासन की प्राथमिकता ग्रामीणों को बेहतर सडक़ों, पेयजल, और बिजली जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराना है, ताकि गांवों का समग्र विकास हो सके।
ग्रामीणों का कहना है कि अब उनके गांव का स्वरूप बदल गया है। 70 वर्षीय ग्रामीण रामप्रकाश का कहना है, पहले जहां पैदल चलना भी मुश्किल था, आज वहां कारें चल रही हैं। यह बदलाव हमारे लिए बहुत ही सुखद है। वहीं, स्थानीय व्यापारी सुरेश यादव कहते हैं, सडक़ों की हालत सुधरने से व्यापार में भी तेजी आई है। अब हमें अपने सामान को शहर पहुंचाने में कोई दिक्कत नहीं होती।
कमालगंज ब्लॉक के ग्रामीण अंचलों में विकास की इस बयार ने न केवल इन इलाकों को बेहतर जीवन स्तर प्रदान किया है, बल्कि आने वाले समय में यह क्षेत्र एक सशक्त और विकसित ग्रामीण इकाई के रूप में उभरने की संभावनाओं को भी प्रबल कर रहा है। सरकार और प्रशासन के निरंतर प्रयास से यहां की तस्वीर पूरी तरह बदल चुकी है, और आने वाले दिनों में यह बदलाव और भी सुदृढ़ होगा।

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