यूथ इंडिया संवाददाता
अमृतपुर, फर्रुखाबाद। गंगा नदी में बाढ़ आ जाने से एक बार फिर क्षेत्र में बाढ़ की तबाही नजर आ रही है।आज सुबह बुधवार को गंगा नदी के जलस्तर में 5 सेंटीमीटर की गिरावट देखी गई है। लेकिन अभी भी जलस्तर खतरे के निशान पर स्थिर है। जिसके कारण 31 से अधिक गांवों पर बाढ़ का संकट नजर आ रहा है। दारापुर, कनकापुर, नगला दुर्गू, खानपुर, मंझा की मड़ैया, कुडरी सारंगपुर करनपुर घाट, बनारसीपुर फखरपुर माखन नगला कालिका नगला,समेत दो दर्जन से अधिक गांवों पर बाढ़ का संकट मंडराने लगा है जिसके कारण ग्रामीण व राहगीर जान जोखिम में डालकर पानी से आवागमन कर रहे हैं बाढ़ से निपटने के लिए तहसील प्रशासन बाढ़ पीडि़तों की मदद करने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटा है। जमापुर डिप पर पुलिस के द्वारा बैरिकेडिंग कर रास्ता बंद कर दिया गया है। तथा निविया मार्ग से होकर राहगीर राजेपुर पहुंच रहे हैं। तथा बाढ़ का पानी असमपुर गांव में भरा होने के कारण देर रात्रि एक हादसा होते-होते बच गया सोते हुए परिवार के ऊपर जब भारी यूके लिप्टिस का पेड़ गिरा तो झोपड़ी टूट कर वीरान हो गई। बताया जा रहा है कि रामबेटी पत्नी श्री कृष्ण जो 15 बर्ष से अधिक समय से झोपड़ी डालकर अपने परिवार के 7 सदस्यों के साथ रह रही है। पानी भरा होने के कारण ज़मीन गीली हो गई तथा यूकेलिप्टस का पेड़ टूट गया। तथा चीख पुकार मच गई। बताया जा रहा पड़ोसियों ने परिवार को बाढ़ से भरें पानी व झोपड़ी से बाहर निकाला। उप जिला अधिकारी ने बताया पीडि़त को तत्काल लाभ दिलाया जाएगा। रहने की समुचित व्यवस्था की जाएगी।
रामगंगा नदी ने मचाई तबाही, कौन से संपर्क मार्गों पर चल रहा पानी, कितने गांव हुए प्रभावित
रामगंगा नदी में लगातार छोड़े जा रहे हैं पानी के कारण अब विकराल रूप दिखाना शुरू कर दिया है जिसके कारण पानी हीरानगर, गुडेरा, रूलापुर, गुलरिया भावन गांवों के निकट पानी पहुंच गया है तथा तहसील क्षेत्र के दर्जनों गांवों कि फैसले जलमग्न हो गई है। अमैयापुर,खाखिन संपर्क मार्ग पर कई फीट पानी चल रहा है जिससे ग्रामीण जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं।