यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली का आलम यह है कि आपातकालीन स्थिति में मरीजों को समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा है। खासतौर पर हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थितियों में डॉक्टरों की अनुपलब्धता आम हो गई है, जिससे मरीजों की जान पर बन आती है।
जिले में सरकारी और निजी अस्पतालों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद, आपातकालीन सेवाओं की स्थिति अत्यंत दयनीय है। *स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार*, पिछले छह महीनों में जिले में 50 से अधिक हार्ट अटैक के मामले दर्ज किए गए, लेकिन इनमें से केवल 15 मामलों में ही मरीजों को समय पर चिकित्सा सहायता मिल पाई। शेष मामलों में या तो डॉक्टर मौजूद नहीं थे या फिर मरीजों को उच्च चिकित्सा केंद्रों पर रेफर कर दिया गया, जिससे कई लोगों की मौत हो गई।
शहर के एक प्रमुख चिकित्सक का कहना है, आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के कारण मरीजों को जान जोखिम में डालनी पड़ती है। खासतौर पर हार्ट अटैक जैसी स्थितियों में समय पर इलाज नहीं मिल पाना बेहद चिंताजनक है।
वहीं, जिला अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक का कहना है, हमारे पास डॉक्टरों की कमी है और कई बार रात में इमरजेंसी में डॉक्टर उपलब्ध नहीं होते। हम उच्च अधिकारियों को इस बारे में सूचित कर चुके हैं, लेकिन अभी तक कोई समाधान नहीं निकला है। स्थानीय निवासियों ने जिला प्रशासन से आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की मांग की है। हाल ही में हुई एक बैठक में, नागरिकों ने तत्काल डॉक्टरों की नियुक्ति और 24 घंटे इमरजेंसी सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने की मांग की।
इस गंभीर स्थिति में अगर प्रशासन ने जल्द कदम नहीं उठाए तो और भी कई जानें असमय काल के गाल में समा सकती हैं। फर्रुखाबाद के लोग बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की उम्मीद में हैं, लेकिन क्या उनकी यह उम्मीदें पूरी होंगी, यह समय ही बताएगा।