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Thursday, March 20, 2025

फर्जीवाड़ा: जालसाज ठग अनूप सिंह रच्छू ने भाई की फर्जी तरीके से लगवाई नौकरी

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यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद, मोहम्मदाबाद। क्षेत्र के गोसरपुर गांव में एक चौंकाने वाला फर्जीवाड़ा सामने आया है। आरोपी अनूप सिंह राठौर उर्फ रच्छू ठाकुर ने अपने भाई नरेश प्रताप सिंह के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार कराकर सेना में उच्च पद की नौकरी दिलवा दी। यह फर्जीवाड़ा तब उजागर हुआ जब यह पता चला कि नरेश प्रताप सिंह के नाम पर जिस बल्दियत का इस्तेमाल किया गया, वह वास्तव में मृतक नरेंद्र प्रताप सिंह का था, जिनकी मृत्यु करीब 45 साल पहले हो चुकी थी।
फर्जी टीसी और बल्दियत से सेना में नौकरी
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अनूप सिंह राठौर ने अपने भाई की प्राथमिक विद्यालय मौधा से फर्जी टीसी (ट्रांसफर सर्टिफिकेट) और बल्दियत (मूल निवास प्रमाण पत्र) तैयार कराया, जिसका इस्तेमाल सेना में अपने भाई अरुण देव सिंह को नौकरी दिलाने के लिए किया गया। बताया जाता है कि रच्छू के ताऊ नरेंद्र प्रताप सिंह की शादी नहीं हुई थी और उनकी मृत्यु के बाद अनूप ने फर्जी तरीके से उनके नाम पर संपत्ति और अन्य दस्तावेज तैयार किए।और अपने अधिकारी भाई की बल्दियत में उनका नाम लिखवा दिया,जिसकी शिकायत हुई है।
अवैध हथियारों की सप्लाई
इस फर्जीवाड़े से पहले, रच्छू का नाम हथियारों की अवैध सप्लाई में भी जुड़ा था। एसओजी ने कुछ वर्ष पूर्व रच्चू के अधिकारी भाई की गाड़ीएक्सयुवी महिंद्रा से अवैध हथियार बरामद किए थे। यह मामला तब से ही पुलिस की निगरानी में था, लेकिन प्रभावशाली संबंधों के चलते इसे दबा दिया गया।
चारागाह की भूमि पर अवैध निर्माण
रिपोर्ट्स में यह भी सामने आया है कि गोसरपुर में रच्छू ठाकुर का जो मकान बना है, वह चारागाह की भूमि पर अवैध रूप से बनाया गया है। सरकारी दस्तावेजों के अनुसार, इस जमीन की नाप हो चुकी है और इसे चारागाह घोषित किया गया है, लेकिन अब तक संबंधित अधिकारी इस मकान को खाली कराने में असमर्थ रहे हैं।
फर्जी पट्टे का मामला
नरेश प्रताप सिंह ने अपने मृत भाई नरेंद्र प्रताप सिंह के नाम से एक फर्जी पट्टा भी करा लिया था। हाल ही में नरेश ने इस पट्टे को अपने मृत भाई के स्थान पर खड़े होकर बैनामा कर दिया, जोकि पूर्णत: अवैध है। यह मामला प्रशासन के समक्ष आने के बावजूद अभी तक इस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई है।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि रच्छू ठाकुर और उसके भाई द्वारा किए गय इस फर्जीवाड़े में कुछ सरकारी अधिकारियों की मिलीभगत है। ग्रामीणों का आरोप है कि जमीन विवाद के इस मामले में प्रशासन जानबूझकर कार्रवाई नहीं कर रहा है, क्योंकि आरोपी परिवार के संबंध राजनीतिक और प्रशासनिक रूप से मजबूत हैं।
गोसारपुर के ग्रामीणों और अन्य संबंधित लोगों ने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है। लोगों का कहना है कि यदि इस मामले में तुरंत कार्रवाई नहीं की गई तो यह फर्जीवाड़ा और बढ़ सकता है।
प्रशासनिक अधिकारियों से भी निवेदन किया गया है कि इस तरह के मामलों में सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि भविष्य में कोई और इस प्रकार के अवैध कार्यों को अंजाम न दे सके। इस प्रकार के गंभीर आरोपों की जांच और साक्ष्यों के आधार पर सत्यापन आवश्यक है। संबंधित विभागों को फर्जीवाड़े से जुड़े दस्तावेजों और आरोपों की निष्पक्षता से जांच करनी चाहिए।

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