पादरी बजिंदर सिंह को जीरकपुर रेप केस में उम्रकैद की सजा सुनाई गयी है। ‘येशु येशु’ गाने से मशहूर हुए बजिंदर सिंह को मोहाली में आठ साल तक चली सुनवाई के बाद सजा सुनाई गई है। साहिबज़ादा अजीत सिंह नगर (मोहाली) में पादरी की सज़ा से पहले, संतों ने मोहाली कोर्ट में विरोध प्रदर्शन किया, उनके पोस्टरों को पैरों तले कुचल दिया।
पादरी बजिंदर सिंह यौन उत्पीड़न मामले में पीड़ित के वकील एडवोकेट अनिल सागर कहते हैं, “वह एक आध्यात्मिक नेता के रूप में लोकप्रिय थे। उनके अनुयायी उन्हें ‘पापा जी’ कहकर बुलाते थे। जब इस तरह का अपराध ऐसे व्यक्ति द्वारा किया जाता है, तो उसे कठोर सजा मिलनी चाहिए। हम सजा की मात्रा से संतुष्ट हैं, जो आजीवन कारावास है। उसे अपनी आखिरी सांस तक सलाखों के पीछे रहना होगा।”
पादरी बजिंदर सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे जूना अखाड़े के महंत कश्मीर गिरी ने कहा, “जो लोग हमारी बहन-बेटियों का अपमान करते हैं, धर्मांतरण को बढ़ावा देते हैं और पंजाब के सौहार्द को बिगाड़ते हैं, उन्हें कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए, यहां तक कि मौत की सजा भी होनी चाहिए। ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है।”
सजा के ऐलान से पहले एक समाचार एजेंसी से बातचीत में पीड़िता ने कहा, “मैं चाहती हूं कि उसे (पादरी बजिंदर सिंह) कम से कम 20 साल की सजा मिले। वह कानून को अच्छी तरह जानता है और यह सब अपराध स्वेच्छा से करता है। मैं चाहती हूं कि महिलाएं सामने आएं और उसके बारे में खुलकर बोलें। उन्हें अब और डरना नहीं चाहिए।”