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Sunday, March 23, 2025

भ्रष्टाचार में फंसे ED अधिकारी आलोक रंजन ने किया सुसाइड

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नई दिल्ली। दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में तैनात एक अधिकारी आलोक कुमार रंजन (Alok Ranjan ) ने मंगलवार शाम को आत्महत्या कर ली। आलोक कुमार रंजन का शव साहिबाबाद में रेलवे ट्रैक पर पड़ा मिला। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। वहीं जानकारी मिलने के बाद ED के अधिकारी भी पहुंचे, लेकिन कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं था। आलोक रंजन (Alok Ranjan ) एक कथित भ्रष्टाचार मामले में ED और CBI की जांच के दायरे में थे। जांच में नाम आने के बाद से ही वह काफी परेशान चल रहे थे।

सात अगस्त को ED के एक सहायक निदेशक संदीप सिंह को 50 लाख रुपए की रिश्वत मांगने के आरोप में CBI ने गिरफ्तार किया था। CBI से मुंबई के एक ज्वेलर ने शिकायत कर बताया था कि कुछ महीने पहले उसके यहां ED की रेड पड़ी थी। इस रेड के बाद ED ने उसके बेटे से पूछताछ की थी। चूंकि ED बेटे को गिरफ्तार कर सकती थी तो सहायक निदेशक संदीप सिंह नेबेटे को गिरफ्तार नहीं करने के एवज में 50 लाख रुपए की मांग की थी।

ज्वेलर से मांगी रिश्वत और फंस गए ED अधिकारी

ज्वेलर अपने बेटे को गिरफ्तारी से बचाने के लिए पैसे देने को भी तैयार हो गया, लेकिन उसने इसकी शिकायत CBI से भी कर दी। इसी महीने सात अगस्त को सहायक निदेशक संदीप सिंह को 20 लाख रुपए की रिश्वत लेते दिल्ली के लाजपत नगर से CBI ने गिरफ्तार कर लिया। CBI ने संदीप सिंह के ऊपर FIR भी दर्ज कर ली। CBI ने बताया कि मुंबई में ज्वेलर के यहां जब ED ने रेड की थी, तब संदीप सिंह उस टीम का हिस्सा था।

जांच में आया आलोक कुमार रंजन (Alok Ranjan ) का नाम

इसके बाद CBI ने जब घूस लेने को लेकर संदीप सिंह से पूछताछ शुरू की तो आलोक कुमार रंजन (Alok Ranjan ) का नाम भी सामने आया। CBI ने अपनी FIR में आलोक रंजन के नाम का भी जिक्र किया। CBI की FIR में अपना नाम देख आलोक रंजन काफी परेशान रहने लगे। इसी बीच ED ने भी मामले में कार्रवाई करनी शुरू कर दी। पहले तो ED ने सहायक निदेशक संदीप शर्मा को सस्पेंड कर दिया, फिर CBI की FIR पर ही मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज कर लिया।

गिरफ्तारी के डर से किया सुसाइड!

जानकारी के अनुसार, ED के सहायक निदेशक संदीप सिंह के साथ अपना नाम CBI की FIR में देख आलोक कुमार रंजन (Alok Ranjan ) सदमे में थे। मामले में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज हो गया था। संदीप सिंह की तरफ उन पर भी निलंबन की तलवार लटक रही थी। इसीलिए यह अंदेशा जताया जा रहा है कि अपने ऊपर कार्रवाई के डर से उन्होंने ट्रेन के आगे कूदकर जान दी होगी। हालांकि, अभी इस पर दिल्ली पुलिस की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और आत्महत्या के कारणों का पता लगाने में जुटी है।

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