उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 6 जनवरी 2025 को लखनऊ में आयोजित शौर्य सम्मान कार्यक्रम में शहीदों के बलिदान को समाज की अमूल्य धरोहर बताया और प्रदेश की बदलती छवि को रेखांकित किया। यह कार्यक्रम एक मीडिया समूह द्वारा आयोजित किया गया, जहां सीएम योगी ने न केवल उत्तर प्रदेश की नई उपलब्धियों को उजागर किया, बल्कि देश और धर्म के लिए बलिदान देने वाले वीरों और उनके परिवारों के योगदान को नमन किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh ) के लिए सभी को आमंत्रित किया और इसे भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और आधुनिकता का संगम करार दिया।
मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत शहीदों और उनके परिवारों के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए की। उन्होंने कहा कि शहीद का बलिदान कौम की जिंदगी होता है। यह बलिदान समाज को एक नई दिशा और ऊर्जा देता है। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है। इसके लिए उन्होंने पंच प्रण की बात कही, जिसमें गुलामी के अंशों को समाप्त करना, महापुरुषों के योगदान को सम्मान देना और सुरक्षा बलों का आदर करना मुख्य रूप से शामिल है।
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने 1965 और 1971 के युद्धों में हिस्सा लेने वाले वीरों, विभिन्न ऑपरेशनों में योगदान देने वाले जवानों और शहीदों के परिजनों को सम्मानित किया। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि सभ्य समाज की कल्पना सुरक्षा के बिना अधूरी है। समाज को जवानों और उनके बलिदानों का सम्मान करना चाहिए, क्योंकि यही राष्ट्रीय कर्तव्यों के निर्वहन का सच्चा मार्ग है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2017 के पहले और अब के उत्तर प्रदेश के बीच के अंतर को स्पष्ट करते हुए कहा कि तंत्र वही है, लेकिन सरकार का चेहरा बदलने से प्रदेश की दिशा और दशा दोनों बदल गई है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले उत्तर प्रदेश की पहचान एक दंगाग्रस्त और अराजक प्रदेश के रूप में थी, जहां न रोजगार था, न ही कानून-व्यवस्था। हर सप्ताह दो से तीन बड़े दंगे होते थे, और हर परीक्षा की शुचिता पर सवाल उठते थे।
आज, उत्तर प्रदेश देश का सबसे सुरक्षित प्रदेश बन गया है। यहां बिना भेदभाव के योग्यता के आधार पर नौकरी और रोजगार मिल रहे हैं। 2017 के पहले जहां 40 हजार करोड़ रुपये का निवेश नहीं हो पाता था, वहां आज 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। यह सब बेहतर कानून-व्यवस्था और सुरक्षा की स्थिति की वजह से संभव हो सका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह नए भारत का नया उत्तर प्रदेश है, जहां अपराधी हांफते-हांफते मर रहे हैं और पुलिस बल उन्हें सही जगह पहुंचा रही है।
सीएम योगी ने कार्यक्रम में महाकुंभ 2025 के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे भारतीय संस्कृति, आध्यात्मिकता और आधुनिकता का अद्वितीय संगम बताया। उन्होंने कहा कि 13 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रयागराज की पवित्र भूमि पर आयोजित होने वाला महाकुंभ 144 वर्षों बाद आए इस शुभ मुहूर्त का प्रतीक है।
महाकुंभ के बहाने प्रयागराज और आसपास के शहरों का कायाकल्प किया गया है। 200 से अधिक सड़कों को सिंगल से डबल और डबल से फोरलेन में बदल दिया गया है। रेलवे स्टेशनों का पुनरुद्धार किया गया है और प्रयागराज एयरपोर्ट को नई सुविधाओं से लैस किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि श्रद्धालुओं के लिए स्वच्छ और सुविधा संपन्न महाकुंभ सुनिश्चित करने के लिए जीरो लिक्विड डिस्चार्ज की व्यवस्था की गई है। 1.50 लाख से अधिक शौचालय बनाए गए हैं, और कुंभ क्षेत्र में डिजिटल सुविधाओं का विस्तार किया गया है। उन्होंने कहा कि यह कुंभ आस्था और आधुनिकता का ऐसा संगम होगा, जो भारतीय संस्कृति के गौरव को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बदली हुई परिस्थितियों की नींव में बेहतर सुरक्षा और कानून-व्यवस्था है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने 1.50 लाख से अधिक पुलिसकर्मियों की भर्ती की है। उन्होंने कहा कि 2017 से पहले जहां पुलिस अपराधियों से डरती थी, वहीं आज अपराधी पुलिस से डरते हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि शहीद जवानों के परिवारों की देखभाल प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस बल के शहीद जवानों के परिवारों को सभी आवश्यक सुविधाएं और सहायता मिलें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश आज देश का सबसे बड़ा निवेश स्थल बन गया है। यहां 40 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 1.25 करोड़ से अधिक रोजगार सृजित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि प्रदेश में जल्द ही 55 प्रतिशत एक्सप्रेसवे होंगे, और गंगा एक्सप्रेसवे के पूरा होने के बाद उत्तर प्रदेश के पास देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेसवे नेटवर्क होगा।
उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक रेलवे नेटवर्क, एयरपोर्ट, और मेट्रो परियोजनाएं संचालित हो रही हैं। यहां आस्था और विकास दोनों को समान प्राथमिकता दी जा रही है।
कार्यक्रम के अंत में मुख्यमंत्री ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में सभी को आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि महाकुंभ न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक समागम है, बल्कि यह भारत की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत का परिचायक है। श्रद्धालुओं को अक्षयवट, सरस्वती देवी, बड़े हनुमान, और पातालपुरी कॉरिडोर जैसी नई सुविधाएं देखने को मिलेंगी।
इस सदी का यह कुंभ न केवल आस्था, बल्कि आधुनिकता का भी प्रतीक होगा, जो भारत की सांस्कृतिक पहचान को नए आयाम देगा।
इस आयोजन में आईटीवी नेटवर्क के संस्थापक और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा, सीईओ ऐश्वर्या पंडित, और कालका की विधायक शक्तिरानी शर्मा जैसी हस्तियां भी मौजूद रहीं। मुख्यमंत्री का यह संबोधन न केवल वीरों और उनके परिवारों को समर्पित था, बल्कि उत्तर प्रदेश की नई पहचान और महाकुंभ 2025 के महत्व को भी उजागर करता है।