लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने बजट सत्र के दौरान सदन में समाजवादी पार्टी समेत विपक्षी दलों को खूब धोया। एक शेर के माध्यम से मुख्यमंत्री ने आईना दिखाते हुए कहा कि
बड़ा हसीन है इनकी जुबान का जादू,
लगाकर के आग बहारों की बात करते हैं।
जिन्होंने रात में चुन-चुन के बस्तियों को लूटा,
वही नसीबों के मारों की बात करते हैं।
मुख्यमंत्री ने सदन में कहाकि जब हम चर्चा में भाग ले रहे हैं, तब 56.25 करोड़ से अधिक श्रद्धालु त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। उन्होंने विपक्षी दलों को घेरते हुए कहा कि जब सनातन धर्म, मां गंगा, भारत की आस्था, महाकुम्भ के खिलाफ अनर्गल प्रलाप और झूठा वीडियो दिखाते हैं तो यह 56 करोड़ लोगों के साथ ही भारत की सनातन आस्था के साथ खिलवाड़ है।
यह पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह किसी पार्टी विशेष और सरकार का नहीं, बल्कि समाज का आयोजन है। सरकार पीछे है। सरकार सहयोग और उत्तरदायित्वों का निर्वहन करने के लिए सेवक के रूप में है। सेवक के रूप में उत्तरदायित्वों का निर्वहन करना हमारी जिम्मेदारी है। हम तत्परता के साथ ऐसा करेंगे, क्योंकि हमें अपनी जिम्मेदारियों का अहसास है। हमारे मन में भारत की सनातन परंपराओं के प्रति श्रद्धा का भाव है और उन श्रद्धाओं को सम्मान देना हमारा दायित्व है। सौभाग्य है कि सदी के महाकुम्भ के साथ सरकार को जुड़ने का अवसर प्राप्त हुआ। तमाम दुष्प्रचार को दरकिनार करते हुए देश-दुनिया ने इस आयोजन के साथ सहभागी बनकर इसे सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया है।
हमारी संवेदना परिवारजनों के साथ
प्रतिपक्ष के सदस्य डॉ. आरके पटेल, संग्राम सिंह यादव, आराधना मिश्रा ‘मोना’ का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे जिम्मेदारियों का अहसास है। 29 जनवरी के भगदड़ के शिकार श्रद्धालुओं और प्रयागराज कुम्भ के दौरान सोनभद्र, अलीगढ़ या अन्य जगहों पर महास्नान में आने और वापस जाने के दौरान जो श्रद्धालु सड़क दुर्घटना के शिकार हुए हैं। हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं। हमारी संवेदना परिवारजनों के प्रति है। सरकार उनके साथ खड़ी है और हरसंभव मदद करेगी। प्रश्न यह है कि इस पर राजनीति करना कितना उचित है।
कहीं का वीडियो महाकुम्भ से जोड़कर अफवाह फैलाने वाले लोग कौन?
सीएम ने विधानसभा सदस्य मनोज पांडेय को धन्यवाद देते हुए कहा कि उन्होंने अफवाहों का उल्लेख किया। सीएम ने कहा कि काहिरा, नेपाल, झारखंड व देश की अन्य दुर्घटनाओं को महाकुम्भ व झूंसी के साथ जोड़कर दुष्प्रचार करके अफवाह फैलाने का कार्य हो रहा है, ऐसा करने वाले आखिर कौन लोग थे।
समाजवादी जिस थाली में खाते, उसमें ही छेद करते हैं
सीएम ने शायरी सुनाने के बाद नेता प्रतिपक्ष पर तंज कसा- बोला कि यह ऊर्दू नहीं, हिंदी है। जब प्रदेश की स्थानीय बोलियों को सदन में महत्व मिला तो उन्होंने विरोध किया। हर अच्छे कार्य का विरोध करना समाजवादी संस्कार है। उन्होंने कहा कि हिंदी इस सदन की भाषा है। हिंदी को तो हटाया नहीं, बल्कि सदस्यों को छूट दी गई है कि वे इन बोलियों में बोल सकते हैं। यह थोपा नहीं गया, बल्कि सुविधा है। भोजपुरी, ब्रज, अवधी व बुंदेलखंडी की लिपि भी देवनागरी है। सभी कार्य संविधान द्वारा घोषित व्यवस्था के दायरे में हुआ है। इसका आपको स्वागत करना चाहिए और इस कार्य के साथ सकारात्मक भाव के साथ जुड़ना चाहिए। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष को संबोधित करते हुए कहा कि आपके विरोध का मैं उपहास नहीं उड़ाता, क्योंकि आपकी आदत मुझे मालूम है। सीएम ने तंज कसा कि आज के समाजवादियों के बारे में मान्यता है कि जिस थाली में खाते हैं, उसमें ही छेद करते हैं।
महाकुम्भ 2025 बनाम कुम्भ 2013
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 और 2025 के आयोजन की तुलना करते हुए कहा कि कुम्भ की अवधि धार्मिक दृष्टिकोण से निर्धारित होती है और इस बार 45 दिन का आयोजन किया जा रहा है, जबकि 2013 में यह 55 दिनों का था। 2013 में कुम्भ का क्षेत्रफल मात्र 1936 हेक्टेयर (5000 एकड़ से भी कम) था, जबकि इस बार यह 10,000 एकड़ से अधिक क्षेत्र में आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2013 में कुल 14 सेक्टर बनाए गए थे, जबकि 2025 में इनकी संख्या बढ़ाकर 25 कर दी गई है। पार्किंग क्षेत्र में भी बड़ा सुधार किया गया है, 2013 में 635 हेक्टेयर में पार्किंग व्यवस्था थी, जबकि इस बार इसे 1850 हेक्टेयर तक विस्तारित किया गया है, जिसमें 6 लाख से अधिक चार पहिया वाहनों के लिए पार्किंग क्षेत्र उपलब्ध हो सका है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि 2013 में प्रयागराज में कोई पक्का घाट, रिवर फ्रंट या आरओबी नहीं था, जबकि 2019 में 9 आरओबी और 6 अंडरपास बनाए गए। 2025 के आयोजन के लिए 14 फ्लाईओवर, 9 पक्के घाट और 7 रिवर फ्रंट तैयार किए गए हैं। अस्थायी घाटों की लंबाई 2013 में मात्र 4 किलोमीटर थी, जिसे 2025 में बढ़ाकर 12 किलोमीटर कर दिया गया है।
यातायात और परिवहन सुविधाओं में किया गया बड़ा सुधार
सीएम योगी ने बताया कि 2013 में श्रद्धालुओं के लिए शटल बसों की कोई व्यवस्था नहीं थी, जबकि इस बार 550 शटल बसें तैनात की गई हैं। रोडवेज बसों की संख्या 2300 से बढ़ाकर 7000 कर दी गई है। प्रयागराज में बस स्टैंड भी 3 से बढ़ाकर 7 कर दिए गए हैं। सड़क चौड़ीकरण की दिशा में भी बड़ा कार्य किया गया है। उन्होंने बताया कि 2013 में केवल 55 किलोमीटर सड़कों का चौड़ीकरण हुआ था, जबकि 2019 में 125 सड़कें 2 से 4 लेन और 4 से 6 लेन की गईं। 2025 में 200 से अधिक सड़कों को चौड़ा किया गया है।
गंगा और यमुना की स्वच्छता पर दिया गया विशेष ध्यान
मुख्यमंत्री ने 2013 के दौरान गंगा और यमुना की गंदगी का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय स्थिति इतनी खराब थी कि मॉरीशस के प्रधानमंत्री ने गंगा में डुबकी लगाने से इनकार कर दिया था। उन्होंने बताया कि इस बार 81 नालों को टेप कर 261 एमएलडी सीवर के ट्रीटमेंट की व्यवस्था की गई है। जनवरी और फरवरी माह में संगम नोज पर फीकल कोलीफॉर्म की मात्रा मानक के अनुरूप पाई गई हैं, जोकि ढाई हजार एमपीएन प्रति 100 एमएल से कम है। ये यूपी पॉल्यूशन बोर्ड की रिपोर्ट है। केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड ने भी अपनी रिपोर्ट में भी इसे मानक के अनुरूप पाया है। उन्होंने बताया कि यूपी पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड और केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड लगातार जल की गुणवत्ता की मॉनीटरिंग कर रहा है और ताजा रिपोर्ट के अनुसार, संगम का जल अब स्नान और आचमन दोनों के योग्य पाया गया है।
तकनीक और डिजिटल सेवाओं का किया गया उपयोग
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार कुम्भ में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चैटबॉट्स का उपयोग किया गया है, जोकि 11 भाषाओं में उपलब्ध है। इसके साथ ही डिजिटल एक्सपीरियंस सेंटर स्थापित किया गया है। क्यूआर कोड जारी किए गए हैं और सुरक्षा के लिए 2700 सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन लगाए गए हैं।
2013 का कुम्भ: अव्यवस्था और भ्रष्टाचार का अड्डा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 2013 के कुम्भ में हुई अव्यवस्थाओं और भ्रष्टाचार का जिक्र करते हुए कहा कि उस दौरान केंद्र सरकार ने 1141.63 करोड़ रुपये और राज्य सरकार ने 10.57 करोड़ रुपये खर्च किए थे, लेकिन फिर भी 59 प्रतिशत कार्य मेला शुरू होने तक पूरे नहीं हो सके थे। कैग की 2014 की रिपोर्ट के अनुसार, 2013 में जब श्रद्धालु एक तरफ आस्था की डुबकी लगा रहे थे, वहीं प्रशासन भ्रष्टाचार में डूबा हुआ था। उन्होंने बताया कि 2013 में कई ठेकेदारों को करोड़ों रुपये देकर अनुचित लाभ दिया गया, शौचालयों की भारी कमी थी और तकनीकी मंजूरी के बिना करोड़ों रुपये खर्च कर दिए गए। सड़क चौड़ीकरण और मरम्मत के नाम पर बिना परीक्षण के 46.68 करोड़ रुपये जारी किए गए। 2013 में 9 करोड़ 1 लाख रुपये की सामग्री बिना किसी आवश्यकता के खरीदी गई थी। 23 ठेकेदारों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए करोड़ों रुपये दिए गए थे। शौचालयों की कमी इस हद तक थी कि एक दिन में औसतन 900 लोगों को एक शौचालय का उपयोग करना पड़ा। महिला और पुरुष शौचालयों के बीच कोई दीवार भी नहीं थी। पेयजल की गुणवत्ता की जांच के लिए केवल 9 नलों से नमूने लिए गए थे। घाटों पर न चेंजिंग रूम थे न एंबुलेंस की व्यवस्था की गई थी।
व्यवस्थाओं का हुआ अभूतपूर्व विस्तार
सीएम योगी ने बताया कि 2025 के महाकुम्भ में डेढ़ लाख से अधिक शौचालय, 500 किलोमीटर चेकर्ड प्लेट, 30 पांटून पुल, 2000 चेंजिंग रूम, 125 एंबुलेंस, 7 रिवर एंबुलेंस, 1 एयर एंबुलेंस, 7000 सफाईकर्मी, 2500 गंगा दूत, 5000 कुम्भ सेवा मित्र और 10,000 अन्य कर्मचारियों को व्यवस्थाओं में शामिल किया गया है। सुरक्षा और यातायात के लिए 75,000 से अधिक पुलिस अधिकारी और कर्मचारी तैनात किए गए हैं। महाकुम्भ 2025 में 2700 से अधिक सीसीटीवी कैमरे और 20 ड्रोन कैमरे लगाए गए हैं। शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 1250 किलोमीटर पाइपलाइन बिछाई गई है और जल पुलिस का नया बेड़ा तैनात किया गया है। सिंगल-यूज़ प्लास्टिक पर रोक लगाने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अस्पतालों में 6000 बेड्स की व्यवस्था की गई है।
केंद्र और राज्य सरकार ने कुल 7500 करोड़ रुपये खर्च किए
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस बार केंद्र और राज्य सरकार ने कुल 7500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जिसमें महाकुम्भ के आयोजन पर 1500 करोड़ रुपये और प्रयागराज के इंफ्रास्ट्रक्चर विस्तार के लिए शेष राशि खर्च की गई है। उन्होंने बताया कि प्रयागराज में पहले केवल दो एयरोड्रम थे, जिन्हें बढ़ाकर छह कर दिया गया है। अब तक 750 से अधिक फ्लाइट्स, प्लेन और चार्टर एयरक्राफ्ट प्रयागराज में उतर चुके हैं। रेलवे भी इस आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 3000 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई जा रही हैं। रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष, महाप्रबंधक और डीआरएम की टीमें स्थानीय प्रशासन के साथ व्यवस्थाओं को सुचारू बनाए रखने में जुटी हुई हैं।
महाकुम्भ 2025: भारत की शक्ति का प्रदर्शन
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ 2025 भारत की शक्ति और उत्तर प्रदेश के गौरव का प्रतीक बन रहा है। इस आयोजन में राष्ट्रपति, उद्योगपति, न्यायाधीश, सेलेब्रिटी और आम नागरिक सभी भाग ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुम्भ में आने वाले हर व्यक्ति ने इसकी प्रशंसा की है और यह आयोजन सनातन संस्कृति के गौरव को विश्वस्तर पर स्थापित कर रहा है। योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर हमला करते हुए कहा कि वे बेवजह दुष्प्रचार कर रहे हैं, जबकि स्वयं स्नान के लिए महाकुम्भ जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग झूठा प्रचार कर रहे हैं, वे प्रदेश और देश के हित में नहीं हैं। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ 2025 को सफल बनाने के लिए राज्य सरकार और प्रशासन पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। इस आयोजन से उत्तर प्रदेश और भारत की छवि को वैश्विक मंच पर मजबूती मिल रही है।
पूर्ववर्ती कुम्भ आयोजनों की तुलना करते हुए सीएम योगी ने दिया विपक्ष को जवाब
सीएम योगी ने विपक्ष द्वारा कुंभ मेले में अव्यवस्था के आरोपों का खंडन करते हुए 1954, 1974 और 1986 के कुम्भ आयोजनों में हुई भगदड़ और दुर्घटनाओं का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि 1954 के कुंभ में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू और महामहिम राष्ट्रपति की भागीदारी के बावजूद 800 से अधिक श्रद्धालु भगदड़ में अपनी जान गंवा बैठे थे। इसके विपरीत इस बार सरकार ने प्रशासनिक व्यवस्थाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दी। श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व संख्या को देखते हुए सरकार ने कई जनपदों में होल्डिंग एरिया और पार्किंग सुविधाओं की व्यवस्था की, जिससे यातायात और भीड़ नियंत्रण में महत्वपूर्ण सफलता मिली। प्रयागराज सिटी, जिसकी अधिकतम क्षमता 25 लाख है, वहां पर 2 करोड़ श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्नान करवाना किसी चमत्कार से कम नहीं था।
महाकुम्भ में वीआईपी कल्चर के आरोप पर सीएम योगी ने विपक्ष पर किया तीखा प्रहार
सीएम योगी ने विपक्ष द्वारा वीआईपी कल्चर को लेकर किए जा रहे दुष्प्रचार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि जो लोग जीवन भर वीआईपी सुविधाएं लेते आए हैं, वे ही प्रयागराज महाकुम्भ को लेकर वीआईपी कल्चर की बात कर रहे हैं। सीएम योगी ने कहा कि वो लोग वीआईपी कल्चर की बात करते हैं, जो मुंह में चांदी का चम्मच लेकर पैदा हुए हैं। ये लोग कभी भी वीआईपी सुविधाओं से कंप्रोमाई नहीं किया। सीएम योगी ने कहा कि महाकुम्भ अगर वीआईपी कल्चर होता तो इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे स्नान कर पाते। उन्होंने कहा यदि कुम्भ वास्तव में केवल विशिष्ट व्यक्तियों के लिए होता, तो क्या 56 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा पाते? मुख्यमंत्री ने कहा कि समाजवादी पार्टी के कुछ नेताओं द्वारा अमृत स्नान पर सवाल उठाना केवल झूठ का प्रचार है। सभी प्रमुख 13 अखाड़ों के संतों ने विधिवत रूप से सभी निर्धारित स्नानों में भाग लिया और इसे पूरे विश्व ने देखा। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ राजनेता महाकुम्भ जैसे पवित्र आयोजन को राजनीतिक लाभ के लिए बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
मौनी अमावस्या की घटना पर प्रशासन ने दिखाई तत्परता- सीएम योगी
सीएम योगी ने 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन हुई दुर्घटना का जिक्र किया, जिसमें बैरिकेड टूटने के कारण 66 श्रद्धालु चपेट में आ गए थे। सरकार की त्वरित कार्रवाई से 36 घायलों को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया और 30 श्रद्धालुओं की दुखद मृत्यु हुई, इसमें 29 की पहचान कर ली गई है। सीएम योगी ने कहा कि प्रयागराज के अंदर अलग-अलग जगह पर और भी अन्य स्थानों पर कुछ प्रेशर पॉइंट बने हुए थे जहां कुछ लोग घायल हुए सभी को समय पर अस्पताल पहुंचाया गया। उनमें भी 7 लोगों की मौत हुई थी। घायल 36 श्रद्धालु में से 35 को उनके परिजन लेकर के चले गए एक श्रद्धालु अभी वहां पर उपचार आधीन है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशासन की तत्परता और श्रद्धालुओं के अनुशासन के कारण स्थिति को जल्दी नियंत्रण में लिया गया। सरकार ने 24 घंटे पहले ही समीपवर्ती जिलों में श्रद्धालुओं के लिए होल्डिंग एरिया बनाकर भीड़ को नियंत्रित करने की योजना बनाई थी, जिससे संभावित बड़े हादसों को टाला जा सका। सीएम योगी ने करा कि अन्य राज्यों और जिलों में घटने वाली घटना को प्रयागराज महाकुम्भ की घटना से जोड़कर प्रचारित करना उचित नहीं है।
कुम्भ की सफलता में संतों और श्रद्धालुओं की महत्वपूर्ण भूमिका- सीएम योगी
सीएम योगी ने संत समाज और आम श्रद्धालुओं के अनुशासन और संयम की सराहना करते हुए कहा कि इस महायोजना को सफल बनाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही। 29 जनवरी की रात जब दुर्भाग्यपूर्ण घटना घटी, तब संत समाज ने प्रशासन के साथ सहयोग किया और अमृत स्नान को कुछ समय के लिए स्थगित करने का निर्णय लिया। उन्होंने कहा कि संतों और श्रद्धालुओं की यही संयमशीलता उत्तर प्रदेश की संस्कृति और भारतीय आस्था को वैश्विक स्तर पर सम्मान दिलाती है। सरकार और संतों ने मिलकर महाकुम्भ को विश्व के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में शीर्ष स्थान दिलाया है।
सीएम योगी ने विपक्ष को दुष्प्रचार की राजनीति से बचने की दी नसीहत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी के झूठे दावों का खंडन करते हुए कहा कि 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के अवसर पर अमृत स्नान पूरी धार्मिक परंपराओं के साथ संपन्न हुआ। उन्होंने स्वयं अखाड़ों से बातचीत कर स्नान के समय को समायोजित किया ताकि सभी श्रद्धालुओं को अवसर मिल सके। सीएम योगी ने कहा कि 13 प्रमुख अखाड़ों, जिनमें सात संन्यासी, तीन वैष्णव और तीन उदासीन अखाड़े शामिल हैं, ने इस पवित्र स्नान में भाग लिया। उन्होंने विपक्ष द्वारा किए जा रहे दुष्प्रचार की निंदा करते हुए कहा कि समाजवादी पार्टी बिना किसी तथ्य के अनर्गल आरोप लगा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के बाद संतों से संवाद कर स्नान को व्यवस्थित ढंग से आयोजित किया गया। समाजवादी पार्टी द्वारा यह दावा करना कि अमृत स्नान नहीं हुआ, सरासर झूठ है। उन्होंने कहा कि सभी प्रमुख मीडिया चैनलों ने इसे लाइव प्रसारित किया और लाखों श्रद्धालुओं ने स्नान किया। उन्होंने कहा कि जब संचार के इतने साधन उपलब्ध हैं, तब भी कुछ नेता और पार्टियां कुंभ में अव्यवस्था और अमृत स्नान को लेकर झूठ फैलाने का प्रयास कर रही हैं। उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति और सनातन धर्म को विश्व में सर्वोच्च स्थान दिलाने के लिए महाकुम्भ जैसे आयोजनों की गरिमा को बनाए रखना आवश्यक है। सरकार श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी। सीएम योगी ने कहा कि राजनीति में थोड़ा बहुत प्रहसन चलता है, लेकिन प्रहसन को ही राजनीति बना दिया जाए, यह न्याय नहीं है।
विपक्ष की भाषा सभ्य समाज के अनुकूल नहीं- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष जिस भाषा का प्रयोग कर रहा है, वह किसी भी सभ्य समाज को शोभा नहीं देती। उन्होंने समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर तीखा हमला करते हुए कहा कि ये लोग महाकुम्भ जैसे आयोजन की भव्यता पर सवाल उठाते हैं और समाज में भ्रम फैलाने का प्रयास करते हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष पहले दिन से ही महाकुम्भ का विरोध कर रहा है। अगर वे वास्तव में जनता के हितैषी होते तो इस आयोजन पर चर्चा के लिए सदन में उपस्थित रहते, लेकिन उन्होंने सदन को बाधित किया। जैसे ही महाकुम्भ शुरू हुआ, इन्होंने अफवाहें फैलाना शुरू कर दिया।
महाकुम्भ पर दुष्प्रचार और झूठी अफवाह फैला रहा विपक्ष- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष के नेता अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने महाकुम्भ को लेकर कई गलत तथ्य प्रस्तुत किए और इसे धन की बर्बादी तक करार दिया। उन्होंने विपक्ष के नेताओं के सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किए गए बयानों का जिक्र करते हुए कहा कि यह उनके संस्कार और मानसिकता को दर्शाता है। सीएम योगी ने कहा कि किसी भी सभ्य समिति के लिए वह भाषा शोभा नहीं देती है। आप लोगों के अपने संस्कार हो सकते हैं, आप लोगों का अपना व्यवहार हो सकता है, लेकिन कोई सभ्य समाज और कोई सभ्य समिति कभी भी उसको मानता नहीं दे सकती है उन्होंने कहा कि महाकुम्भ कोई नया आयोजन नहीं है, बल्कि यह वैदिक परंपरा से चला आ रहा है। ऋग्वेद, अथर्ववेद और श्रीमद्भागवत महापुराण में भी इसका उल्लेख है। यह आयोजन भारतीय संस्कृति की आत्मा है और इसे संकीर्ण राजनीतिक नजरिए से देखना अनुचित है। सीएम योगी ने कहा कि जैसे ही महाकुम्भ का आयोजन शुरू हुआ विपक्ष द्वारा अफवाह और दुष्प्रचार किया जाने लगा। उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने महाकुंभ आयोजन के पहले इस बारे में कहना शुरू किया कि इतना पैसा और इतना विस्तार देने की आवश्यकता क्या है। उनका बयान है कि “हमारी सरकार से अपील है कि बहुत सारे बुजुर्ग जो 65 से 65 साल से और 70 साल से ऊपर के हैं स्नान नहीं कर पाए हैं”, उसके बाद फिर उनके बयान आए। सीएम योगी ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के भगदड़ में हजारों लोग मारने वाले बयान, टीएमसी अध्यक्ष ममता बनर्जी द्वारा महाकुम्भ को मृत्युकुम्भ कहे जाने के बयान का जिक्र करते हुए उसकी आलोचना की। सीएम योगी ने कहा कि जया बच्चन कहती हैं कि शवों को गंगा में बहा दिया गया, लालू यादव कहते हैं फालतू है महाकुम्भ। इस प्रकार की गैर जिम्मेदाराना बयान समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, आरजेडी और टीएमसी के नेताओं के द्वारा सनातन धर्म के जुड़े हुए सबसे बड़े आयोजन के प्रति दिए गए हैं।
महाकुम्भ के भव्य आयोजन के प्रति प्रतिबद्ध है सरकार- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकुम्भ को भव्य बनाने के लिए सरकार ने हरसंभव प्रयास किए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा उद्देश्य श्रद्धालुओं को बेहतरीन सुविधाएं उपलब्ध कराना है। प्रयागराज महाकुम्भ में अब तक 56 करोड़ से अधिक श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। हम इसे ऐतिहासिक बना रहे हैं और इसमें कोई कोताही नहीं बरती जाएगी। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि जो लोग शुरू में महाकुम्भ का विरोध कर रहे थे, वे भी अब चुपचाप स्नान करने पहुंचे। उन्होंने कहा कि 2013 में जब समाजवादी पार्टी की सरकार थी, तब इनके नेताओं को प्रयागराज जाने से रोका गया था, लेकिन इस बार वे खुद वहां गए और हमारे द्वारा की गई व्यवस्थाओं की प्रशंसा भी की।
सनातन धर्म का अपमान बर्दाश्त नहीं- सीएम योगी
सीएम योगी ने कहा कि कुछ विपक्षी नेता महाकुम्भ को ‘मृत्यु कुंभ’ बताकर सनातन धर्म का अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि यह सनातन आस्था पर सीधा प्रहार है। उन्होंने कहा, “सनातन धर्म भारत की आत्मा है और इसका सम्मान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है। हमारी सरकार इस परंपरा को भव्यता देने के लिए कृतसंकल्प है।” उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की सुरक्षा ही विश्व मानवता की सुरक्षा की गारंटी है। प्रयागराज महाकुम्भ में हर जाति, मत और मजहब के लोग श्रद्धा के साथ पहुंचे हैं।
सीएम योगी ने अयोध्या और राम मंदिर विरोध पर भी विपक्ष को घेरा
सीएम योगी ने कहा कि विपक्ष महाकुम्भ ही नहीं, बल्कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण का भी विरोध करता रहा है। उन्होंने कहा कि जब सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वसम्मति से राम जन्मभूमि पर फैसला दिया, तब भी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस जैसे दलों ने इसका विरोध किया था। उन्होंने कहा कि अयोध्या में रामलला विराजमान हुए, तब भी यही लोग विरोध कर रहे थे। जब हमने प्रस्ताव दिया कि सभी विधायक अयोध्या दर्शन के लिए जाएं, तब समाजवादी पार्टी ने वॉकआउट कर दिया।
डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का परसेप्शन बदला- योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की छवि नकारात्मक थी, लेकिन डबल इंजन सरकार ने प्रदेश का परसेप्शन बदला है। उन्होंने कहा कि आज यूपी की छवि विकास, कानून व्यवस्था और संस्कृति के संरक्षण के लिए जानी जाती है। महाकुम्भ इसका एक बड़ा उदाहरण है। दुनिया हमें सम्मान की नजरों से देख रही है। उन्होंने विपक्ष को चुनौती देते हुए कहा कि जो लोग महाकुम्भ का विरोध कर रहे हैं, वे अपनी सोच बदलें। उन्होंने कहा कि संक्रमित व्यक्ति का उपचार संभव है, लेकिन संक्रमित सोच का उपचार नहीं किया जा सकता। हमें गर्व है कि यह भव्य आयोजन हमारी सरकार के नेतृत्व में हो रहा है और हम इसे पूरी निष्ठा के साथ संपन्न करेंगे।