गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) ने जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए आर्थिक सहायता की मांग करने पहुंचे लोगों को भरोसा दिलाया कि वे बिना किसी चिंता के अच्छे से अच्छे अस्पताल में अपना इलाज कराएं। उन्होंने आश्वासन दिया कि इलाज के खर्च की पूरी व्यवस्था सरकार करेगी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जिन लोगों के पास आयुष्मान कार्ड नहीं है और आर्थिक सहायता की आवश्यकता है, उनके चिकित्सा खर्च का आकलन जल्दी से करके शासन को भेजा जाए ताकि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से मदद मिल सके।
रविवार को विधानसभा उपचुनाव प्रचार के बाद गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी ने गोरखनाथ मंदिर में रात्रि प्रवास किया और सोमवार सुबह झारखंड विधानसभा चुनाव के प्रचार पर रवाना होने से पहले जनता दर्शन में लगभग 150 लोगों से मुलाकात की। महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के सामने बैठाए गए लोगों की समस्याएं सुनते हुए उन्होंने उनके आवेदन संबंधित अधिकारियों को सौंप दिए और सभी को भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं का समाधान जल्द होगा। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि समस्याओं के निस्तारण में गंभीरता और संवेदनशीलता बरती जाए और संतुष्टि सुनिश्चित की जाए ताकि किसी को परेशान न होना पड़े।
मरीजों के इलाज के लिए आर्थिक मदद का भरोसा
जनता दर्शन में, गंभीर बीमारियों से पीड़ित कई लोग इलाज के लिए आर्थिक मदद की गुहार लेकर आए थे। मुख्यमंत्री ने सभी को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार किसी भी जरूरतमंद के इलाज में धन की कमी नहीं होने देगी और विवेकाधीन कोष से पूरी सहायता प्रदान करेगी। एक महिला ने मेदांता अस्पताल में अपने परिजन के इलाज के लिए आर्थिक संकट का जिक्र किया, जिस पर मुख्यमंत्री ने उन्हें आश्वस्त किया कि सरकार इलाज का खर्च उठाएगी। उन्होंने सभी से आयुष्मान कार्ड के बारे में जानकारी ली और अधिकारियों को निर्देश दिया कि हर पात्र व्यक्ति का आयुष्मान कार्ड अवश्य बनवाया जाए।
मंदिर की गोशाला में गोसेवा
गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या परंपरागत रही। सोमवार सुबह गुरु गोरखनाथ के दर्शन और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर शीश नवाने के बाद वे मंदिर की गोशाला में पहुंचे। यहां उन्होंने गोवंश को दुलारते हुए उन्हें गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के निर्देश दिए।
सख्त कार्रवाई के निर्देश
मुख्यमंत्री (CM Yogi) ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिए कि अगर कहीं जमीन कब्जा करने या दबंगई का मामला है तो सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। पारिवारिक मामलों में निस्तारण के लिए दोनों पक्षों को बैठाकर समाधान निकालने पर बल दिया।