यूथ इंडिया संवाददाता
फर्रुखाबाद। छात्र नेता पंकज अवस्थी और उनके परिवार के साथ हुई मारपीट के मामले ने सियासी रंग ले लिया है। ब्राह्मण समाज के विरोध के बीच जिले के प्रभारी मंत्री ठाकुर जयवीर सिंह के खिलाफ जातिगत राजनीति के आरोप लगाए जा रहे हैं। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि यह पूरा मामला एक सोची-समझी राजनीतिक साजिश का हिस्सा है, जहां भ्रष्ट थानाध्यक्ष अवध नारायण पांडे को बचाने के लिए खेल खेला जा रहा है।
पिछले दिनों पंकज अवस्थी के साथ वेदांता अस्पताल के संचालक और उसके गुर्गों ने मारपीट की, जिसके बाद पंकज ने थाने में शिकायत दर्ज करवाई। लेकिन थानाध्यक्ष अवध नारायण पांडे द्वारा मामले में कोई कार्रवाई न करने के कारण ब्राह्मण समाज का आक्रोश बढ़ गया। इस मामले को लेकर जिले में जातीय विवाद की स्थिति बन रही है, जिसे राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश बताया जा रहा है।
विश्लेषकों का मानना है कि इस पूरे घटनाक्रम के पीछे असल मंशा थानाध्यक्ष पांडे को बचाने की है, जो अपने कार्यकाल के दौरान कई विवादों में घिरे रहे हैं। उनके खिलाफ भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप पहले भी लगते रहे हैं, लेकिन राजनीतिक संरक्षण के चलते उन पर कभी ठोस कार्रवाई नहीं हो पाई। मंत्री जयवीर सिंह पर लगाए जा रहे जातिगत राजनीति के आरोपों को भी इसी साजिश का हिस्सा माना जा रहा है, ताकि उनका ध्यान भटकाया जा सके और अवध नारायण पांडे को सुरक्षा कवच दिया जा सके। जानकारों का कहना है कि यह विरोध वास्तविक मुद्दों से हटकर राजनीतिक स्वार्थ की ओर बढ़ रहा है, जहां असली मुद्दा छात्र नेता की पिटाई से हटकर जातिगत राजनीति की तरफ मोड़ दिया गया है।
मंत्री जयवीर सिंह ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि वह किसी जाति या वर्ग विशेष के खिलाफ नहीं हैं और उन्होंने निष्पक्ष कार्रवाई का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा, यह मेरे खिलाफ साजिश है ताकि प्रशासनिक सुधारों में रुकावट डाली जा सके। मेरा काम सभी के लिए समान रूप से है और रहेगा।
सियासी विश्लेषक इसे आगामी चुनावी माहौल में विपक्ष की रणनीति का हिस्सा मान रहे हैं, जिसमें समाज को बांटकर राजनीतिक लाभ उठाने की कोशिश की जा रही है।