यूथ इंडिया संवाददाता
कमालगंज। नगर पंचायत कमालगंज में भ्रष्टाचार और धांधली के आरोपों को लेकर कस्बे में भारी आक्रोश है। चेयरमैन पति के.के. शंखवार पर नगर पंचायत के विकास कार्यों में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए जारी किए गए करोड़ों रुपए के बावजूद, नगर पंचायत में शंखवार की कथित गतिविधियों को लेकर स्थानीय जनता में असंतोष बढ़ता जा रहा है।
राजनीतिक ध्रुवीकरण और गबन के आरोप
शंखवार पर आरोप है कि वह राजनीतिक रूप से दोनों प्रमुख दलों—भाजपा और सपा—के बीच संतुलन साधने की कोशिश कर रहे हैं। एक ओर, उन्होंने भाजपा नेताओं की होर्डिंग लगवाई, तो दूसरी ओर, सपा नेताओं से नजदीकियां बढ़ाने की भी कोशिशें कीं। नगर पंचायत कार्यालय की सभी महत्वपूर्ण दस्तावेज़ और फाइलें शंखवार ने अपने घर में रखी हुई हैं, और उन्होंने आउटसोर्सिंग कर्मचारियों को प्रमुख पदों पर नियुक्त कर रखा है, जिससे भ्रष्टाचार की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
गोबर नीलामी में भ्रष्टाचार का मामला
हाल ही में, गौशाला में नीलाम किए गए दो लाख रुपए के गोबर के पैसों में भी गबन का आरोप लगा है। जब मामले की पोल खुली, तो आनन-फानन में पैसा बैंक खाते में डालकर फर्जी बिलों के जरिए उसे निकाला गया।
स्थानीय जनता का विरोध और प्रशासन की संज्ञान
कस्बे के लोग चेयरमैन पति के खिलाफ जमकर विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि शंखवार बिना पैसे के कोई काम नहीं करते और भवन मानचित्र पास करने के लिए पहले से पांच गुना ज्यादा पैसे वसूल किए जा रहे हैं। प्रशासन ने इस मामले का संज्ञान लिया है और जल्द ही एक टीम कमालगंज पहुंचकर पत्रावलियों की जांच और विकास कार्यों का निरीक्षण करेगी।
भविष्य की कार्रवाई पर नजर
कस्बे के लोगों ने मांग की है कि चेयरमैन पति का नगर पंचायत कार्यालय में प्रवेश वर्जित किया जाए, ताकि भ्रष्टाचार पर रोक लगाई जा सके। प्रशासनिक जांच से आने वाले समय में इस मामले में क्या कार्रवाई होती है, इस पर सभी की नजर रहेगी।