यूथ इंडिया, लखनऊ। देश के रक्षा मंत्री और लखनऊ से सांसद राजनाथ सिंह ने नामांकन कर दिया है। बुधवार की रात राजनाथ सिंह अपने आवास पर मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली के नेतृत्व में सुन्नी उलमाओं के डेलिगेशन से मुलाकात की।
नामांकन के बाद लगातार शिया और सुन्नी उलमाओं का राजनाथसिंह से मुलाकात का दौर जारी है। 29 अप्रैल को शिया धर्म गुरु मौलाना यासूब अब्बास ने राजनाथसिंह से उनके आवास पर मुलाकात किया था। जिसे मौलाना ने औपचारिक मुलाकात बताया था। बुधवार को सुन्नी उलमाओं के डेलिगेशन से हुई मुलाकात में बड़ी संख्या में सुन्नी उलेमा , मदरसों के शिक्षक और मस्जिदों के इमाम शामिल थे। मदरसा बोर्ड के सदस्य कमर अली के साथ हुई इस मुलाकात में अल्पसंख्यकों के विभिन्न मुद्दों पर रक्षामंत्री से उलमाओं ने अपनी बात रखी। जिसमें मदरसा बोर्ड का भी मुद्दा शामिल था। फिलहाल मदरसा बोर्ड का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।
सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के 22 मार्च को दिए आदेश पर रोक लगा दिया था। जिसमें हाईकोर्ट ने अपने आदेश में ‘यूपी बोर्ड ऑफ मदरसा एजुकेशन एक्ट 2004’ को असंवैधानिक बताया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का ये कहना कि मदरसा बोर्ड संविधान के धर्मनिरपेक्ष सिद्धांत का उल्लंघन करता है, ये ठीक नहीं है।
मुसलमानों को साधने का बीजेपी का प्रयास
भारतीय जनता पार्टी लगातार अल्पसंख्यक वोटर को साधने का प्रयास कर रही है। बीते दिनों बीजेपी की ओर से “ना दूरी है ना खाई है , मोदी हमारा भाई है ” नारा दिया गया था। साथ ही उर्दू मे पोस्टर दरगाहों और मस्जिदों में लगवाया गया था और मुस्लिम धर्मगुरुओं समेत आम मुसलमान तक अपनी बात पहुंचाने के लिए बीजेपी ने उर्दू में किताबें भी बांटा था। माना यह जा रहा है कि जिस तरीके से इन दिनों भाजपा से मुसलमान की नजदीकी बढ़ रही है यह बीजेपी के अभियान का परिणाम है। जिसका असर राजनाथ सिंह के नामांकन में भी देखा गया था। जहां जगह-जगह मुस्लिम समाज के लोगों ने उनका स्वागत किया था।