यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण के बदले बेटा भाजपा कैंडिडेट:पहलवान साक्षी मलिक बोलीं- बेटा डमी, सत्ता बृजभूषण के पास

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यूथ इंडिया, गोंडा। महिला पहलवानों से यौन शोषण के आरोपी बृजभूषण शरण सिंह का टिकट भाजपा ने काट दिया है। हालांकि उनके छोटे बेटे करण भूषण को भाजपा ने उनकी सीट कैसरगंज से टिकट दिया है। भाजपा ने गुरुवार शाम इसकी घोषणा कर दी। करण भूषण यूपी कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। वह भारतीय कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष भी थे, लेकिन पिता के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद इन्होंने भी पद छोड़ दिया था।

कैसरगंज में 3 मई नामांकन की आखिरी तारीख है। शुक्रवार को करण नामांकन करेंगे। करण सिंह के प्रतिनिधि जगन्नाथ तिवारी ने गुरुवार को कैसरगंज से नामांकन के 4 सेट खरीदे।

बृजभूषण के बड़े बेटे प्रतीक ने गुरुवार सुबह ही भाई करण को टिकट मिलने के संकेत दे दिए थे। उन्होंने वॉट्सऐप पर लिखा था- करण भूषण सिंह। आपके आशीर्वाद का आकांक्षी- कैसरगंज। करण भूषण का गुरुवार को एक वीडियो सामने आया। इसमें वह पिता के पैर छूकर आशीर्वाद लेते नजर आ रहे हैं।

यह वीडियो गुरुवार सुबह का है। इसमें करण पिता के पैर छूते नजर आ रहे हैं। समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं।
यह वीडियो गुरुवार सुबह का है। इसमें करण पिता के पैर छूते नजर आ रहे हैं। समर्थक नारेबाजी कर रहे हैं।

बृजभूषण बोले- होइहि सोइ जो राम रचि राखा

टिकट कटने के सवाल पर बृजभूषण ने कहा- होइहि सोइ जो राम रचि राखा। सूत्रों की माने तो गुरुवार सुबह बृजभूषण शरण सिंह ने गृहमंत्री अमित शाह से बात की थी। शाह ने करण भूषण सिंह के नामांकन की तैयारी करने को कहा था।

पहली बार चुनाव लड़ेंगे करण
करण भूषण का जन्म 13 दिसंबर 1990 को हुआ। करण को एक बेटा और एक बेटी है। वह डबल ट्रैप शूटिंग के नेशनल खिलाड़ी रह चुके हैं। उन्होंने गोंडा में अपने पिता के नंदिनी कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। ऑस्ट्रेलिया से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। अभी वे उत्तर प्रदेश कुश्ती संघ के अध्यक्ष हैं। पहली बार कोई चुनाव लड़ रहे हैं।

महिला पहलवानों की ओर से बृजभूषण सिंह पर लगाए गए यौन शोषण के आरोपों के बीच उत्तर प्रदेश में कुश्ती संघ का चुनाव हुआ था। 12 फरवरी को हुए इस चुनाव में करण को सर्वसम्मति से यूपी कुश्ती संघ का अध्यक्ष चुना गया था।

करण भूषण पत्नी नेहा, बेटे अमर्थ और बेटी कामाक्षी के साथ।
करण भूषण पत्नी नेहा, बेटे अमर्थ और बेटी कामाक्षी के साथ।

बृजभूषण की जगह उनके बेटे को टिकट देने की 3 वजह

1. सीनियर जर्नलिस्ट प्रभाशंकर बताते हैं कि भाजपा ने आखिरी वक्त पर कैसरगंज सीट पर फैसला लिया। पार्टी को आशंका थी कि बृजभूषण का टिकट कटने से ठाकुर बिरादरी नाराज हो सकती है। कैसरगंज के अलावा, बृजभूषण सिंह का आसपास की 6 सीटों पर प्रभाव है। UP में राजपूत (ठाकुर) वोटर 6-7% हैं। बृजभूषण की छवि बड़े ठाकुर नेता की है।

2. भाजपा ने यूपी में अधिकांश सिटिंग सांसदों को रिपीट किया है। गाजियाबाद से वीके सिंह के टिकट कटने और वेस्ट यूपी की 27 लोकसभा सीटों पर सिर्फ एक ठाकुर नेता को टिकट मिलने से ठाकुर बिरादरी नाराज है। सहारनपुर से लेकर गाजियाबाद तक ठाकुर नेताओं ने महापंचायत कर भाजपा के विरोध का ऐलान भी किया। जातीय संतुलन के लिए पार्टी ने करण भूषण को टिकट दिया।

3. बृजभूषण के बेटे करण भूषण पर कोई आरोप नहीं है। विदेश से पढ़ाई की है। कुश्ती संघ से 5 साल से जुड़े हैं। इसलिए युवाओं में खासकर यादवों और ठाकुरों के बीच अच्छी पैठ है। गोंडा, बहराइच में इनके 50 स्कूल-कॉलेजों की चेन हैं। करण इनके जरिए भी युवाओं से काफी कनेक्ट रहे हैं।

साक्षी मलिक ने कहा-असली राज तो ब्रजभूषण ही करेगा
महिला रेसलर्स के यौन उत्पीड़न को लेकर ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ आवाज उठाने वाली साक्षी मलिक और उनके पति सत्यव्रत कादियान ने कहा-बृजभूषण के बेटे को लोकसभा टिकट देना लोगों को गुमराह करने जैसा है। असली राज तो वही करेगा। अगर ब्रजभूषण के बेटे को टिकट देना ही था तो केंद्र सरकार पहले बृजभूषण को गिरफ्तार करती और फिर उनके बेटे को प्रत्याशी घोषित करती। या फिर ब्रजभूषण के किसी नजदीकी की जगह अन्य उम्मीदवार को मैदान में उतारती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया।

हमने उनके खिलाफ आंदोलन किया था, लेकिन अब लोकसभा चुनाव आ चुके हैं। इसमें ब्रजभूषण का बेटा सिर्फ एक डमी कैंडिडेट भर है। असली सत्ता तो बृजभूषण ही चलाएगा। लोकसभा चुनाव ही नहीं, ब्रजभूषण ने कुश्ती फेडरेशन में भी ऐसा ही किया और अपने नजदीकियों को डमी बनाकर राज कर रहा है।

क्यों कटा 6 बार के सांसद बृजभूषण का टिकट?
बृजभूषण पर महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं। इन आरोपों की दोबारा जांच कराने के लिए लगी याचिका को कोर्ट ने 26 अप्रैल 24 को खारिज कर दिया। कोर्ट अब 7 मई को बृजभूषण पर आरोप तय करेगी। दिल्ली पुलिस ने जून 2023 को बृजभूषण के खिलाफ चार्जशीट दायर की थी।

सीनियर एडवोकेट रितेश यादव के मुताबिक, अगर आरोप तय हुए तो इसका मतलब है कि बृजभूषण के खिलाफ वादी पक्ष और पुलिस की चार्जशीट में पर्याप्त सबूत हैं। इस आधार पर बृजभूषण पर यौन शोषण का मुकदमा चलाया जा सकता है। दोनों पक्ष साक्ष्य कोर्ट में पेश करेंगे। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट कोई फैसला सुनाएगी।

भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि बृजभूषण पर 7 मई को फैसला आना है। 7 मई को ही तीसरे फेज की वोटिंग है। विपक्ष इसे मुद्दा बना सकता है। इसलिए, बृजभूषण का टिकट काटा गया।

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