यूथ इंडिया, लखनऊ। यूपी में एक बार फिर बारिश का दौर शुरू हो गया। मंगलवार को कानपुर में कुछ देर के लिए तेज बारिश हुई। जबकि लखनऊ में कुछ हिस्सों में बूंदाबांदी हुई। मौसम विभाग ने मंगलवार को प्रदेश के 33 जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश और ओला गिरने का अलर्ट जारी किया है। अनुमान है कि प्रदेश में 11 जनवरी तक कमोबेश कुछ इसी तरह का मौसम बना रहेगा।
इसके अलावा, मौसम विभाग ने मंगलवार को 60 जिलों में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया है। 24 घंटे में मुजफ्फरनगर यूपी का सबसे ठंडा शहर रहा। रात का तापमान 4.8°C दर्ज किया गया। बारिश के कारण तापमान में भी तेजी से गिरावट आएगी। घने कोहरे के असर से कानपुर से गुजरने वाली 49 ट्रेन लेट चलीं। हालांकि, सोमवार को करीब 4 दिन बाद कई शहरों में धूप निकली।
ये लखनऊ के गोमती नगर की तस्वीर है। यहां सुबह करीब 9:30 बजे बूंदाबांदी शुरू हुई।
- पहले पढ़िए बारिश और कोहरे की चेतावनी कहां-कहां है…
मैनपुर, आगरा, एटा, मथुरा में मूसलाधार बारिश
मौसम विभाग के मुताबिक, मथुरा, हाथरस, एटा, आगरा, फिरोजाबाद, मैनपुरी, इटावा, कन्नौज, कानपुर देहात, कानपुर नगर, प्रयागराज और मिर्जापुर में मूसलाधार बारिश होने की संभावना जताई गई है। मंगलवार को यहां घने बादल छाए रहेंगे।
वहीं, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, महोबा, बुलंदशहर, अलीगढ़, बागपत, मेरठ, लखनऊ, उन्नाव, अमेठी, प्रतापगढ़, रायबरेली, प्रतापगढ़, चंदौली, सोनभद्र, चित्रकूट, बांदा, प्रयागराज, वाराणसी, मिर्जापुर, सोनभद्र में हल्की से मध्यम बारिश हो सकती है।
कानपुर में बादल छाए हैं। रिमझिम बारिश के बीच ठिठुरन बढ़ गई है।
इन जिलों में छाएगा घना कोहरा
पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर, बरेली और पीलीभीत में कोहरे का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। वहीं बागपत, मेरठ, बदायूं, शाहजहांपुर, लखीमपुर, सीतापुर, बहराइच, श्रावस्ती, गोंडा, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, महाराजगंज, कुशीनगर, बस्ती, गोरखपुर, अंबेडकरनगर, देवरिया, मऊ, बलिया, गाजीपुर, सोनभद्र, मिर्जापुर, आजमगढ़ और जौनपुर में घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है।
कानपुर में अलाव जलाकर तापते हुए लोग। हाड़ कंपाने वाली ठंड के चलते जगह-जगह ऐसे दृश्य दिखाई पड़ते हैं।
मुजफ्फरनगर सबसे ठंडा शहर
सोमवार को प्रदेश में सबसे ठंडा शहर मुजफ्फरनगर दर्ज किया गया। यहां न्यूनतम तापमान 4.8°C दर्ज किया गया। वहीं अधिकतम तापमान की बात करें तो प्रदेश में वाराणसी का तापमान 23.2°C के साथ सबसे ज्यादा रहा। वहीं, आगरा, अलीगढ़, बरेली, गाजियाबाद, कानपुर, मेरठ में भी न्यूनतम पारा 10°C से कम दर्ज किया गया।
शहरों का तापमान…
शहर | अधिकतम | न्यूनतम |
आगरा | 14.4°C | 5.9°C |
अलीगढ़ | 12.6°C | 7.4°C |
बरेली | 13.7°C | 9.0°C |
गाजियाबाद | 13.8°C | 8.7°C |
कानपुर | 19.5°C | 9.9°C |
मेरठ | 14.6°C | 8.4°C |
मुजफ्फरनगर | 12.4°C | 4.8°C |
कोहरे की मार से लेट चल रहीं ट्रेनें…
कोहरे का असर ट्रेनों की रफ्तार पर जारी है। दिल्ली रूट पर गाजियाबाद से फफूंद स्टेशन तक रेलवे ट्रैक पर कोहरे का असर रहा। कॉशन देकर ट्रेनें चलाई गई। वंदेभारत, तेजस, कानपुर और स्वर्ण शताब्दी सहित 49 ट्रेनें एक से 6 घंटे तक लेट रहीं।
एक घंटे से अधिक लेट होने पर तेजस में सफर करने वाले 1 हजार से अधिक यात्रियों को मुआवजा मिलेगा। कानपुर सेंट्रल स्टेशन पर 2112 यात्रियों ने टिकट लौटाए तो 287 यात्रियों को कनेक्टिंग आरक्षण की वजह से दूसरी ट्रेनों में सफर की इजाजत दी गई।
ये प्रमुख ट्रेनें लेट रही
ट्रेन | लेट |
22435 वाराणसी नई दिल्ली वंदे भारत | 1.32 घंटे |
22436 नई दिल्ली वाराणसी वंदे भारत | ढाई घंटे |
82501 लखनऊ नई दिल्ली तेजस | 3 घंटे |
82502 तेजस | 4 घंटे |
22415 वंदे भारत | डेढ़ घंटे |
22416 वंदे भारत | 4 घंटे |
12003 स्वर्ण शताब्दी | डेढ़ घंटे |
12004 स्वर्ण शताब्दी | 2.13 घंटे |
12033 कानपुर शताब्दी | 4 घंटे |
12034 कानपुर शताब्दी | 3 घंटे |
फसलों पर पाला का असर न हो, इसलिए करें सिंचाई
मौसम विभाग के मुताबिक, इस सीजन में कई शहरों में पाला भी पड़ रहा है। इससे फसलों को नुकसान की संभावना है। विशेषज्ञों के मुताबिक, ऐसी स्थिति में किसान सावधान रहकर अपनी फसलों को बचा सकते हैं। जब भी पाला यानी ठंड पड़ने की संभावना हो या मौसम विभाग का पूर्वानुमान हो तो फसल में हल्की सिंचाई देनी चाहिए।
इससे तापमान 0 डिग्री से नीचे नहीं गिरेगा और फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है। सिंचाई करने से 0.5 से 2 डिग्री सेल्सियस तक तापमान में बढ़ोतरी होती है। मौसम विज्ञानी के मुताबिक, फसलों पर लकड़ी की राख का छिड़काव करने से आलू की फसल को थोड़ी गर्मी मिल जाती है। इससे पाला लगने की संभावना कम हो जाती है।
इसके अलावा सड़े हुए छाछ का उपयोग कीटनाशक के तौर पर कर सकते हैं। ये भी फसल को पाले से बचाने का कार्य करती है।
समझिए पाला क्या होता है
शीत लहर के चलते वायुमंडल में उपस्थित जल वाष्प जब पेड़ पौधों की पत्तियों अथवा किसी ठोस पदार्थ के सम्पर्क में आती है जिनका तापमान 0°सेल्सियस अथवा इससे नीचे है तो यह बर्फ की चादर के रूप में जमने लग जाती है। फसलों के लिए यही पाला कहलाता है।