यूथ इंडिया: इजरायल पर हुए अब तक के सबसे घातक हमले को भारत ने एक बार फिर से ‘आतंकवादी हमला’ करार दिया है। भारत ने स्पष्ट शब्दों में इसकी निंदा की है। हालांकि, विदेश मंत्रालय ने फिलिस्तीन के मुद्दे पर भी अपनी घोषित नीति को दोहराया है। भारत ने कहा है कि वह फिलिस्तीन के खिलाफ नहीं है और संप्रभु व स्वतंत्र फिलिस्तीन की मांग का समर्थन करता है। फलस्तीन के मुद्दे पर भारत के रुख संबंधी एक सवाल पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि नई दिल्ली ने इजरायल के साथ शांतिपूर्ण सहअस्तित्व वाले एक संप्रभु एवं व्यवहारिक फलस्तीन देश की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की हमेशा वकालत की है।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “जहां तक फिलिस्तीन का सवाल है, भारत ने इजरायल के साथ सुरक्षित और मान्यता प्राप्त सीमा के भीतर रहने वाले फिलिस्तीन के संप्रभु, स्वतंत्र और व्यवहार्य राज्य की स्थापना के लिए सीधी बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत की है।” इजरायली शहरों पर हमास के हमलों पर बागची ने कहा कि भारत इन्हें आतंकवादी हमला मानता है। इजरायल ने सात अक्टूबर को गाजा में सत्तारूढ़ इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास द्वारा जल, नभ और थल से किए गए हमले के बाद संगठन के खिलाफ अभूतपूर्व जवाबी कार्रवाई करने का संकल्प लिया है। हमले के छठे दिन इजरायली सेना ने बताया कि उनके देश में 189 सैनिकों सहित 1200 लोग मारे गए हैं जबकि गाजा में इजराइल की जवाबी कार्रवाई में कम से कम 1200 लोग मारे गए हैं।
इजरायल पर हमास के हमले के बाद अपनी पहली फोन बातचीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को इजरायल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू से कहा था कि “भारत के लोग इस कठिन समय में इजरायल के साथ एकजुटता से खड़े हैं।” नेतन्याहू को उनके फोन कॉल और मौजूदा स्थिति पर अपडेट प्रदान करने के लिए धन्यवाद देते हुए, पीएम मोदी ने एक पोस्ट में कहा, “भारत दृढ़ता से और स्पष्ट रूप से आतंकवाद के सभी रूपों की निंदा करता है।”
प्रधानमंत्री मोदी की टिप्पणी को आतंकवादी हमलों के मद्देनजर पूरी तरह से इजरायल का समर्थन करने के तौर पर देखा गया। इसके अलावा, अब तक भारत सरकार के किसी रीडआउट या ट्वीट में फिलिस्तीनी मुद्दे का कोई उल्लेख नहीं किया गया है। ये पहली बार है कि विदेश मंत्रालय ने फिलिस्तीनी के मुद्दे पर अपनी नीति को फिर से दोहराया है। भारत-इजरायल संबंध पिछले एक दशक में एक मजबूत रणनीतिक साझेदारी के ढांचे में विकसित हुए हैं। पीएम मोदी और नेतन्याहू के बीच पर्सनल केमिस्ट्री उनके द्विपक्षीय संबंधों में भी दिखाई देती है। इजरायल भारत के सबसे विश्वसनीय रक्षा और सुरक्षा भागीदारों में से एक रहा है।