फर्रुखाबाद। ग्राम उलियापुर में आयोजित श्रीमद् भागवत गीता महापुराण के भव्य कार्यक्रम में डॉ. नवल किशोर शाक्य के आध्यात्मिक उद्बोधन ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनके प्रेरणादायक प्रवचन ने न केवल ग्रामीणों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया, बल्कि जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से जीने का संदेश भी दिया।
डॉ. नवल किशोर शाक्य ने श्रीमद् भागवत गीता के विभिन्न श्लोकों को उद्धृत करते हुए जीवन के उद्देश्य, कर्मयोग और धर्म का महत्व समझाया। उन्होंने कहा, “गीता केवल धार्मिक ग्रंथ नहीं है, बल्कि जीवन जीने की एक आदर्श शैली है। इसका हर श्लोक हमारे भीतर सकारात्मकता और आत्मविश्वास भरता है।” उनके शब्दों ने उपस्थित लोगों को आत्मचिंतन और सच्चे मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया।
डॉ. शाक्य के प्रवचन के दौरान ग्रामीण श्रद्धालु भक्ति-भाव से झूम उठे। उनकी सहज और सरल भाषा में दिए गए उपदेशों ने हर वर्ग के व्यक्ति को प्रभावित किया। ग्रामीणों ने कार्यक्रम में भजन-कीर्तन और गीता पाठ में बढ़-चढ़कर भाग लिया।
डॉ. शाक्य ने ग्रामीणों से सद्भाव और भाईचारे को मजबूत करने की अपील की। उन्होंने कहा, “आज की दुनिया में आध्यात्मिकता का महत्व और भी बढ़ गया है। गीता हमें आत्मशुद्धि और समाज सेवा का मार्ग दिखाती है।”
कार्यक्रम में गांव के वरिष्ठ नागरिक, महिलाएं, युवा, और बच्चे बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। सभी ने आयोजन की सराहना की और इसे गांव में नई ऊर्जा का संचार करने वाला बताया।
उपस्थित ग्रामीणों ने कहा कि डॉ. नवल किशोर शाक्य का प्रवचन उनके लिए एक आध्यात्मिक उत्सव जैसा रहा। उन्होंने इस तरह के आयोजन को समाज में सकारात्मक बदलाव लाने वाला बताया।
श्रीमद् भागवत गीता महापुराण का यह कार्यक्रम गांव में धर्म और आध्यात्मिकता को बढ़ावा देने का एक सफल प्रयास साबित हुआ।
श्रीमद् भागवत गीता कार्यक्रम: डॉ. नवल किशोर शाक्य के आध्यात्मिक प्रवचन से झूमे ग्रामीण
