पुलिस द्वारा लगे तमंचे की पूरी कहानी निकली फर्जी
फर्रुखाबाद। मोहम्मदाबाद कोतवाली में पुलिस द्वारा की गई एक गिरफ्तारी पर विवाद गहरा गया है। क्षेत्राधिकारी ने तत्कालीन क्षेत्राधिकारी अरुण कुमार द्वारा की गई जांच के आधार पर तत्कालीन कोतवाल मनोज कुमार भाटी और चार अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है। मनोज कुमार भाटी जिले में ही अपराध शाखा में तैनात हैं जांच में पाया गया कि 19 अगस्त 2024 को पुलिस ने नन्दू नाम के अभियुक्त को एक 315 बोर के तमंचे और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था। हालांकि, नन्दू के भाई कृष्ण कुमार ने इस गिरफ्तारी को फर्जी बताते हुए आरोप लगाया कि उसके भाई को ग्राम प्रधान कुन्तेश यादव और अनिल ठाकुर के सहयोग से झूठे मामले में फंसाया गया।जांच के दौरान कई चश्मदीद गवाहों के बयान और मोबाइल कॉल रिकॉर्ड्स ने यह संकेत दिया कि पुलिस ने नन्दू की गिरफ्तारी की योजना पहले से ही बनाई थी। यह भी सामने आया कि नन्दू को पकड़ने के लिए पुलिस ने उसकी गतिविधियों की निगरानी की थी, और गिरफ्तारी की कार्रवाई पूर्व निर्धारित थी।क्षेत्राधिकारी ने उच्च अधिकारियों को सूचित करते हुए कहा कि इस मामले में सभी संबंधित पुलिसकर्मियों के खिलाफ विधिक कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि सभी साक्ष्यों के आधार पर तत्कालीन कोतवाल मनोज कुमार भाटी, उपनिरीक्षक महेंद्र सिंह, आरक्षी अंशुमन चाहर, राजन पाल और यशवीर को दोषी पाया गया है।इस मामले में आगे की कार्रवाई के लिए प्राथमिकी दर्ज की गई हैं। जिससे न्याय की प्रक्रिया को सुनिश्चित किया जा सके।
यह मामला स्थानीय पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाता है और यह देखना दिलचस्प होगा कि न्यायपालिका इस मामले में क्या कदम उठाती है। स्थानीय जनता और राजनीतिक दलों ने भी पुलिस की इस कार्रवाई की निंदा की है और न्याय की मांग की है।