नई दिल्ली। 2020 के दिल्ली दंगों की साजिश के मामले में आरोपी कार्यकर्ताओं उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा और मीरान हैदर की जमानत याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 31 अक्तूबर तक के लिए स्थगित कर दी है। सोमवार को सुनवाई के दौरान अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (एएसजी) एस.वी. राजू ने सर्वोच्च न्यायालय से दो हफ्ते का समय मांगा था। हालांकि, जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन.वी. अंजारिया की पीठ ने कहा कि वह इस मामले की सुनवाई शुक्रवार को करेगी। बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा कि “जमानत मामलों में जवाब दाखिल करने की आवश्यकता नहीं होती।”
इससे पहले, याचिकाकर्ताओं ने दिल्ली हाईकोर्ट के 2 सितंबर के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उनकी जमानत याचिकाएं खारिज कर दी गई थीं। सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि नागरिकों की ओर से विरोध प्रदर्शन के नाम पर साजिशन हिंसा स्वीकार नहीं की जा सकती। कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम, गुलफिशा फातिमा, मीरान हैदर, मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अतर खान, अब्दुल खालिद सैफी और शादाब अहमद की जमानत याचिकाएं खारिज कर दी थीं। एक अन्य आरोपी तसलीम अहमद की याचिका भी 2 सितंबर को अलग पीठ ने खारिज कर दी थी।
हाईकोर्ट ने कहा था कि संविधान नागरिकों को शांतिपूर्ण और कानूनसम्मत विरोध का अधिकार देता है, पर यह अधिकार पूर्ण नहीं है। अगर विरोध का असीमित अधिकार दिया जाए तो यह संविधान और कानून-व्यवस्था के लिए खतरा बन सकता है।
गौरतलब है कि फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) के विरोध के दौरान भड़की हिंसा में 53 लोगों की मौत हुई थी और 700 से अधिक लोग घायल हुए थे। उमर खालिद और अन्य आरोपी इन आरोपों से इनकार करते रहे हैं और वर्ष 2020 से जेल में बंद हैं। ट्रायल कोर्ट से जमानत खारिज होने के बाद उन्होंने हाईकोर्ट और अब सुप्रीम कोर्ट में राहत की गुहार लगाई है।


